सदर अस्पताल किशनगंज में एनसीडी प्रबंधन प्रशिक्षण के पांचवें बैच का सफल समापनकिशनगंज. गैर-संचारी रोग जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और कैंसर तेजी से बढ़ते स्वास्थ्य संकट बनते जा रहे हैं. इन बीमारियों की रोकथाम और बेहतर प्रबंधन के लिए चिकित्सा अधिकारियों और डेंटल डॉक्टरों को भी विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है. इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सदर अस्पताल में एनसीडी कार्यक्रम प्रबंधन के तहत पांचवें बैच का प्रशिक्षण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ.यह प्रशिक्षण एनसीडीओ डॉ उर्मिला कुमारी, जिला कार्यक्रम समन्वयक विश्वजीत कुमार एवं एनसीडी सेल, सदर अस्पताल के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया. इसमें जिलेभर के चिकित्सा अधिकारियों और डेंटल डॉक्टरों ने भाग लिया और एनसीडी के बेहतर प्रबंधन के लिए नवीनतम तकनीकों और उपचार प्रक्रियाओं की जानकारी प्राप्त की.
एनसीडी: आधुनिक चिकित्सा क्षेत्र के लिए सबसे बड़ी चुनौती
आज के दौर में गैर-संचारी रोगों का प्रभाव केवल आम जनता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह चिकित्सा प्रणाली पर भी अतिरिक्त दबाव डाल रहा है. जहां संक्रामक रोगों का इलाज दवाओं और टीकाकरण से संभव हो सकता है, वहीं एनसीडी के लिए जीवनशैली में बदलाव, समय पर पहचान और दीर्घकालिक उपचार की जरूरत होती है.
इसी उद्देश्य से चिकित्सा अधिकारियों और डेंटल डॉक्टरों को इस प्रशिक्षण में शामिल किया गया, ताकि वे मरीजों को बेहतर सलाह दे सकें और एनसीडी के प्रति जागरूकता फैला सकें.प्रशिक्षण की मुख्य बातें
इस प्रशिक्षण में चिकित्सा अधिकारियों और डेंटल डॉक्टरों को एनसीडी के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी गई.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

