गलगलिया. नेपाल में जारी राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा ने सीमावर्ती क्षेत्र गलगलिया व पश्चिम बंगाल के पानीटंकी में कारोबारियों की चिंता बढ़ा दी है. दुर्गा पूजा के समय नेपाल में बड़े पैमाने पर कपड़े का निर्यात होने वाले था. हर महीने नेपाल को करीब 200 करोड़ रुपये का निर्यात होता है, जिसमें इंजीनियरिंग गुड्स, मशीनें, पैकेजिंग मटीरियल, स्टील उत्पाद, केमिकल्स, कपड़ा, चाय बंगाल की दवाई, नेपाल में प्लाई वुड इंडस्ट्रीज के कैमिकल रेजिन और स्पेयर पार्ट्स आदि शामिल हैं. उद्योगपतियों को डर है कि बिगड़े हालातों से न केवल सामान की सप्लाई अटक सकती है बल्कि भुगतान मिलने में भी दिक्कत होगी. उनका मानना है कि अगर स्थिति लंबे समय तक नहीं सुधरी तो भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है. नेपाल हमेशा से उद्यमियों के लिए बड़ा बाजार रहा है, लेकिन मौजूदा संकट ने व्यापार पर गंभीर असर डाल दिया है. गलगलिया और पानी टंकी के उद्योगपति का कहना है कि नेपाल के लिए एक बड़ा सप्लाई हब है. नेपाल हमारा सबसे निकट मित्र देश है जहां गलगलिया से माल ट्रकों के जरिए सीधे भेजा जाता है. जबकि अन्य देशों के लिए माल हवाई मार्ग या समुद्री मार्ग से जाता है. यहां से अधिकतर इंजीनियरिंग गुड्स, मशीनरी पार्ट्स, गरारी और ऑटोमोबाइल कंपोनेंट्स नेपाल को निर्यात किए जाते हैं. उन्होंने आगे बताया कि गलगलिया और नेपाल के बीच सालाना लगभग 6000 करोड़ रुपये का व्यापार होता है. मगर, हाल की हिंसा के कारण यह कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. कई उद्यमियों का माल रास्ते में अटक गया है और जगह-जगह से नुकसान की खबरें मिल रही हैं. अगर हालात जल्द नहीं सुधरे तो गलगलिया सिलिगुड़ी पानीटंकी के व्यापारियों को हर महीने 20 से 30 करोड़ रुपये तक का नुकसान झेलना पड़ सकता है. वहीं उद्यमी रवि जैन ने कहा कि उनकी कंपनी में बाथरूम टैप्स बनाए जाते हैं, जिन्हें सीधे नेपाल एक्सपोर्ट किया जाता है.
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