गलगलिया.
गलगलिया वासियों को रेलवे की तरफ से पांच मेल एक्सप्रेस ट्रेनों की बड़ी सौगात मिली है. पूर्वोत्तार सीमांत रेलवे मालीगांव गुवाहाटी के महाप्रबंधक द्वारा शनिवार को समय सारणी भी जारी कर दी गई. अब 15 सितंबर को पहली ट्रेन 13248 डाउन राजेंद्रनगर कामाख्या कैपिटल एक्सप्रेस गलगलिया स्टेशन पर 10.49 बजे रुकेगी. वहीं 13245 अप न्यू जलपाईगुड़ी राजेंद्रनगर कैपिटल एक्सप्रेस ट्रेन 15 सितंबर को 4.14 में गलगलिया रेलवे स्टेशन पर रुकेगी. शेष सभी ट्रेन का 16 सितंबर से गलगलिया रेलवे स्टेशन पर ठहाराव होगा. वर्षों के इंतजार के बाद अब सीमावर्ती क्षेत्र गलगलिया में लंबी दूरी की एक्सप्रेस व मेल ट्रेनों के ठहराव का सपना पूरा हो रहा है. रेलवे बोर्ड नई दिल्ली द्वारा सीमावर्ती रेलवे स्टेशन गलगलिया पर कई जोड़ी मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की मंजूरी दी गई है.साथ ही शनिवार को समय सारणी भी जारी होने के बाद सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों में काफी हर्षोल्लास का माहौल बना हुआ है सभी लोग खुशी से झूम उठे हैं. गलगलिया स्टेशन पर 16 सितंबर से 15464/ 15463 बालू घाट इंटरसिटी एक्सप्रेस, 13245/13245 राजेंद्रनगर न्यू जलपाईगुड़ी कैपिटल एक्सप्रेस, 13247/13248 कामाख्या राजेंद्रनगर कैपिटल एक्सप्रेस, 15483/15484 अलीपुरद्वार नई दिल्ली सिक्किम महानंदा एक्सप्रेस, 3150/13149 सियालदाह अलीपुरद्वार कंचनकन्या एक्सप्रेस की समय सारणी जारी कर दी गयी है. और कई ट्रेनों की ठहराव की मंजूरी मिल जाने से सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों में काफी खुशी का माहौल है.जिसको लेकर सीमावर्ती क्षेत्र के भातगांव के पूर्व मुखिया गणेश प्रसाद राय, मुखिया प्रतिनिधि मुन्ना सिंह, पंचायत समिति प्रतिनिधि मनोज गिरी, उप मुखिया महावीर राय, सरपंच प्रतिनिधि मो आरिफ,पूर्व मुखिया बुधन पासवान विकास घोष सहित कई जनप्रतिनिधि आवाम ने खुशी जताई है. बिहार के अंतिम छोर पर स्थित गलगलिया रेलवे स्टेशन सामरिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण है.सामरिक दृष्टि से गलगलिया स्टेशन की है अहम भूमिका
गलगलिया रेलवे स्टेशन अंतरराष्ट्रीय सीमा नेपाल की सीमा से दूरी महज एक किलोमीटर की दूरी पर है. गलगलिया रेलवे स्टेशन पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल की सीमा से सौ मीटर की दूरी पर बिहार का अंतिम रेलवे स्टेशन है. गलगलिया रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन सैंकड़ों लोग पड़ोसी देश नेपाल तथा पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल से ट्रेन की यात्रा करने आते है और दूर दराज का सफर तय करते है.सुपर फास्ट ट्रेनों के ठहराव की मंजूरी मिलने पर सीमांत क्षेत्र के लोगों के लिए यह किसी त्यौहार से कम नहीं है. महानंदा, कैपिटल, कंचनकन्या एक्सप्रेस जैसी सुपरफास्ट ट्रेन का ठहराव और समय सारणी जारी होने के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित गणमान्यों ने रेलवे विभाग को कई बार लिखित रूप से इन ट्रेनों की ठहराव की मांग की थी. ठहराव प्रायोगिक रूप से स्वीकृत हुआ है स्थानीय जनता इस सुविधा की मांग लंबे समय से कर रहे थे. इस फैसले से हज़ारों यात्रियों को राहत मिलेगी जो पहले बड़े स्टेशनों तक जाने के लिए घंटों का सफर तय करते थे. इन ट्रेनों के ठहराव से अब किशनगंज, कटिहार, बरौनी, पटना, कलकत्ता, दिल्ली, गुवाहाटी जैसे गंतव्य स्थानों के लिए प्रतिदिन आवागमन और आसान हो जाएगा.ट्रेनों के ठहराव से क्षेत्रीय विकास भी बढ़ेगी. इन प्रायोगिक ठहराव से गलगलिया के कई इलाके अब सीधे देश के बड़े शहरों से जुड़ जाएंगे. यह न सिर्फ स्थानीय यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाएगा बल्कि पर्यटन, व्यापार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार देगा. इस संदर्भ में पूर्व मुखिया गणेश प्रसाद राय ने बताया कि सांसद मोहम्मद जावेद आजाद को कई बार लिखित आवेदन डीआरएम के नाम दिया गया था. यहां पर लंबी दूरी की ट्रेनों का ठहराव किया जाए आज हमारी मांगे पूरी हुई है. वहीं भातगांव के मुखिया प्रतिनिधि बृजमोहन सिंह उर्फ मुन्ना सिंह ने स्थानीय सांसद मोहम्मद जावेद आजाद और स्थानीय विधायक सऊद आलम का आभार जताया है. जिसके वजह से 5 जोड़ी ट्रेनों का गलगलिया में ठहराव मिला है. वहीं उस संदर्भ में जब सीएमआई एनजेपी राजदीप बासु से बात की गई तो उसने बताया कि ट्रेन रुकने की सूचना स्टेशन प्रबंधक को दे दी गई है. सभी ट्रेनों के ठहराव गलगलिया में होने से राजस्व में काफी वृद्धि होगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

