7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ठंड से सांस लेने में बढ़ी दिक्कत हो रही लोगों को परेशानी

किशनगंज : मौसम में ठंडक, हवा में नमी लोगों पर भारी पड़ रही है. जुकाम, बुखार होना आम है. इसके साथ साइनस और भी तकलीफदेय हो गया है. मरीजों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. यही नहीं पॉलिप और सेप्टम की समस्या भी दुश्वारी खड़ी कर रही है. इसके चलते एमजीएम मेडिकल कालेज […]

किशनगंज : मौसम में ठंडक, हवा में नमी लोगों पर भारी पड़ रही है. जुकाम, बुखार होना आम है. इसके साथ साइनस और भी तकलीफदेय हो गया है. मरीजों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. यही नहीं पॉलिप और सेप्टम की समस्या भी दुश्वारी खड़ी कर रही है. इसके चलते एमजीएम मेडिकल कालेज के नाक, कान, गला विभाग की ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. एमजीएम मेडिकल कोलज के नाक, कान, गला विभाग में पहले की अपेक्षा 35 से 55 प्रतिशत मरीजों में इजाफा हुआ है.

इसमें अधिकतर साइनस की समस्या से ग्रसित हैं.

हृदय एवं छाती रोग विशेषज्ञ डॉ शिव कुमार बताते हैं साइनस के मरीजों की दिक्कत ठंड में काफी बढ़ जाती है. चेहरे की हड्डियों के रिक्त स्थान को साइनस कहते हैं. यह नेक्जलरी, फ्रंटल, एथेनोएड व स्टेनोएड होते हैं. इनमें एलर्जी, बैक्टीरियल एलर्जी व फंगल की समस्या हो जाती है. धुंध व कोहरे की वजह से धूल-धुआ के ऊपर न जा पाने से वातावरण में इनके बने रहने से साइनस के मरीजों को अधिक दिक्कत होती है. उन्होंने बताया कि साइनस के मरीज एलर्जी वाले कारकों से बचाव करें. साथ ही नाक बंद होना, नाक का बहना, बार-बार जुकाम होना, बुखार बना रहना, सिर में दर्द, गले में दर्द व खराश, चेहरे पर सूजन व छाती में संक्रमण यानी की खासी या बलगम आने जैसे लक्षण महसूस होने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लें. साथ ही शरीर को ठंड से बचाएं.
सतर्क रहने की सलाह : एमजीएम मेडिकल काॅलेज के प्रो डॉ शिव कुमार साइनुसाइटिस पीड़ितों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं. कहते हैं समस्या अधिक दिन तक बनी रहने से उनमें पॉलिप (नाक में मास का बढ़ना) व सेप्टम (नाक की हड्डी का आकार बढ़ना) जैसी व्याधियां होती हैं. इससे साइनस के खुलने वाले स्थान ऑस्टियोमिएटिल कॉम्प्लेक्स के पास श्वसन मार्ग अवरुद्ध हो जाता है. यही नहीं साइनस से गले व नाक में आने वाले स्राव पर भी रुकावट होती है. इस दौरान नाक सूख जाने से उसमें रक्तस्त्राव होने लगता है. वहीं ऑस्टियोमिएटिल कॉम्प्लेक्स के पास श्वसन मार्ग संकुचित होने से गले, चेस्ट और मस्तिष्क में भी समस्या बढ़ जाती है. उन्होंने बताया कि अंतिम विकल्प सेप्टोप्लास्टी व फंक्शनल एंडोस्कोपी साइनस सर्जरी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें