किशनगंज.
जिले में पिछले एक साल में बाल विवाह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गयी है. जिले में 41 बाल विवाह के मामलों का समय रहते संज्ञान लिया गया और उन्हें रोका गया. इस दौरान सात मामलों में बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया, जहां उन्हें सुरक्षित संरक्षण में रखा गया. इस प्रकार की घटना केवल किशनगंज में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में एक गंभीर सामाजिक मुद्दा है. बाल विवाह के मामले रोकने के लिए जिला प्रशासन ने विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों और अभियान चलाया है, ताकि लोगों को इसके नुकसान और कानूनी धाराओं के बारे में जागरूक किया जा सके. जिला कल्याण समिति के पदाधिकारी रवि शंकर तिवारी ने बताया कि बाल विवाह रोकने के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ विवाह को रोकना नहीं, बल्कि बच्चों को शिक्षा और बेहतर भविष्य की ओर प्रेरित करना है. इसके अलावे स्थानीय एनजीओ और सामाजिक संगठनों ने भी इस प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस अभियान में सबसे महत्वपूर्ण है समुदाय की भागीदारी. स्थानीय निवासी भी इस समस्या के प्रति जागरूक हो रहे हैं और बाल विवाह के खिलाफ अपने-अपने स्तर पर आवाज उठा रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

