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अनियमितता उजागर होने पर नियुक्ति की लगायी गुहार

आशा की किरण . जिलाधिकारी से मिले पीड़ित पक्ष के लोग नियुक्ति में अनियमितता को लेकर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की जांच में हुआ था मामले का खुलासा ़ वर्ष 2004 में इस नियुक्ति के लिए जिला स्तर पर पैनल बना कर 147 कर्मियों की हुई थी नियुक्ति ़ किशनगंज : विज्ञापन संख्या 2/99 के आलोक […]

आशा की किरण . जिलाधिकारी से मिले पीड़ित पक्ष के लोग

नियुक्ति में अनियमितता को लेकर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की जांच में हुआ था मामले का खुलासा ़
वर्ष 2004 में इस नियुक्ति के लिए जिला स्तर पर पैनल बना कर 147 कर्मियों की हुई थी नियुक्ति ़
किशनगंज : विज्ञापन संख्या 2/99 के आलोक में जिले में हुए चतुर्थवर्गीय कर्मियों के नियुक्ति में अनियमितता को लेकर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा किये गये जांच में हुए खुलासे के बाद नियुक्ति से वंचित पीड़ित पक्ष नियुक्ति हेतु जिलाधिकारी पंकज दीक्षित को आवेदन सौंपा़ आवेदनकर्ता उमाशंकर ने अपने आवेदन के माध्यम से बताया कि निगरानी जांच रिपोर्ट के आधार पर तथा सुनील कुमार सिंह संयुक्त सचिव (विधि) निगरानी विभाग पटना के संचिका संख्या 4/निगरानी कार्मिक पत्रांक 4875-24/2017 जो फर्जी नियुक्ति में विधिवत कार्रवाई का आदेश दिया गया है़
उक्त आदेश का अनुपालन करते हुए फर्जी नियुक्त कर्मियों की सेवा समाप्त कर रिक्त जगह पर हमारी नियुक्ति का आदेश निर्गत किया जाये़ ज्ञात हो कि समाहरणालय स्वास्थ्य विभाग एवं विभिन्न प्रशाखाओं में चतुर्थ वर्ग कर्मियों के नियुक्ति हेतु 1994 में विज्ञापन प्रकाशित किया गया था़ वर्ष 2004 में इस नियुक्ति के लिए जिला स्तर पर पैनल बना कर 147 कर्मियों की नियुक्ति की गयी थी़ नियुक्ति में अनियमितता के कारण नियुक्ति संबंधित अभ्यर्थियों में दामोदर कर्मकार एवं अन्य ने उच्च न्यायालय में वाद दायर किया़ लंबे समय तक चले कानूनी प्रक्रिया के बाद उच्च न्यायालय ने मामले की जांच निगरानी विभाग से कराने का आदेश जारी किया़ न्यायालय के आदेश के बाद निगरानी विभाग ने मामले की जांच कर न्यायालय के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत किया़ प्राप्त जानकारी के अनुसार निगरानी ने ने अपने जांच रिपोर्ट में नियुक्ति में भारी अनियमितता की पुष्टि करते हुए तत्कालीन डीएम दयानंद प्रसाद, जिला स्थापना के तत्कालीन उप समाहर्ता व्यासमुनी प्रधान और स्थापना में पदस्थापित प्रधान लिपिक सदानंद शर्मा को नियुक्ति घोटाले में शामिल होने की पुष्टि की है़ निगरानी के जांच रिपोर्ट के आधार पर उच्च न्यायालय ने तत्कालीन डीएम, तत्कालीन स्थापना उपसमाहर्ता एवं स्थापना के तत्कालीन प्रधान लिपिक के विरूद्घ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिये है़
क्या कहते है डीएम
जिला पदाधिकारी पंकज दीक्षित ने कहा कि इस संबंध में जिले के अब तक कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है़ निर्देश प्राप्त होते ही अग्रतर कार्रवाई की जायेगी़

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