किशनगंज : बिजली की आंख-मिचौनी से उपभोक्ताओं में आक्रोश है. 24 घंटे में बमुश्किल सात-आठ घंटे भी सही रूप से बिजली की आपूर्ति नहीं होती है. विद्युत विभाग की इस लचर व्यवस्था से उपभोक्ताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शाम होते ही लो वोल्टेज हो जाने से सीएफएल भी नहीं जल पाते हैं. स्थानीय विधायक तौसीफ आलम ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को राहत से ज्यादा अभी बिजली की आवश्यकता है. बिन बिजली न तो मोबाइल चार्ज हो पा रहा है
और न ही शाम के बाद गांव में रोशनी मिल पाती है. उन्होंने बताया कि बहादुरगंज, दिघलबैंक, टेढ़ागाछ, पौआखाली प्रखंड में बिजली आपूर्ति की स्थिति बद से बदत्तर है. विद्युत आपूर्ति जल्द से जल्द बहाल हो इसके लिए ऊर्जा मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री को विशेष ध्यान देना चाहिए.
आज 8 घंटे कटी रहेगी बिजली
बाढ़ के कारण खराब हुए 5 एमवीए पावर ट्रांसफर्मर बदलने का कार्य किये जाने के कारण पश्चिमपाली पावर हाउस से विद्युत आपूर्ति आज मंगलवार को सुबह 9 से संध्या 5 बजे तक बंद रहेगी. इस आशय की जानकारी विद्युत कार्यपालक अभियंता प्रेमराज ने दी. उन्होंने बताया कि फीडर संख्या 1, 2, 3, 4, 5 इस कार्य से प्रभावित होंगे.
पश्चिमपाली, सुभाषपल्ली, मिल्लनपल्ली, कजलामनी, गांधी चौक, डे मार्केट, मोतीबाग, लौहारपट्टी, तेघरिया, डांगीबस्ती, धर्मशाला रोड, महावीर मार्ग, रूईधासा, हलीम चौक, खिरदह, पुराना खगड़ा, टेउसा, गाछपाड़ा, बेलवा, सिंघिया, कुलामनी, छगलिया, पिपला, ढेकसरा, सतखमार, बेरगाछी, बस्ताकोला, लहरा, सिमलबाड़ी, पिछला, महीनगांव, दौला, चकला, बिशानी आदि क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी. टेढ़गाछ प्रतिनिधि के अनुसार टेढ़ागाछ में बिजली आपूर्ति व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है. अनियमित विद्युत आपूर्ति से उपभोक्ता खासे परेशान है. यहां बिजली कब आती है और कब चली जाती है,
यह कोई नहीं जानता है. नियमित बिजली नहीं रहने से यहां बिजली पर आधारित सभी कामकाज प्रभावित हो रहे हैं. वही लोग अंधेरे में रात गुजारने पर विवश हैं. ऐसे में बिजली उपभोक्ताओं का आक्रोश में दिन-प्रतिदिन बढ़ने लगा है. दिघलबैंक प्रतिनिधि के अनुसार विद्युत विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण प्रखंड क्षेत्र में बिजली की लचर व्यवस्था से उपभोक्ता परेशान हैं. हर आधा घंटा पर बिजली कट जाती है. यह रोज की समस्या बन गयी है. हालांकि सुदूरवर्ती क्षेत्र में बाढ़ के बाद से विद्युत आपूर्ति बाधित है. कहीं पोल गिर गया है तो कहीं पोल झुक गया है. उपभोक्ता क्षेत्र के बिजली अभियंता शिकायत करते हैं तो वह इन समस्या के समाधान के बजाय अपने मोबाइल का स्वीच बंद कर लेते हैं. इलाके में कभी ग्यारह हजार वोल्ट का तार टूटकर गिरना, कभी फेज उड़ जाना जैसी समस्या बनीं रहती है. बिजली ठीक कराने के लिए लोगों को प्राइवेट बिजली मिस्त्री का सहारा लेना पड़ता है. जिसे लोगों को चंदा इक्कठा करके उसे पैसा देते हैं. इस समस्या का निदान नहीं होने से बिजली उपभोक्ताओं को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है़