खगड़िया. बिहार विधानसभा चुनाव के मतगणना को लेकर शुक्रवार को पूरे दिन सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा. शहर के राजेन्द्र चौक, बलुआही बस स्टैंड, कोशी कॉलेज रोड, समाहरणालय रोड सहित गांव के चौक- चौराहे भी कमोवश खाली ही रहे. लोग जरूरी कार्य से ही बाहर निकले. बाजार समिति इलाके से बाजार की ओर आने में रास्ते पर पूर्व से ही रोज वर्ड स्कूल व सूर्य मंदिर चौक पर बैरियर लगा देने के कारण आवागमन ठप हो गया. बाहर से आने वाले बसों में भी भीड़ नहीं के बराबर थी. अस्पताल चौक से लेकर स्टेशन चौक तक आधी दुकानें नहीं खुली थी. एक बजते-बजते कमोवेश सारी दुकानें खुल गई थी और चहल- पहल शुरू हो गई थी. परबत्ता विधानसभा के लोगों के लिए भारी रहा. सुबह 8 बजे विधानसभा चुनावों के मतों की गिनती शुरू होने के साथ ही हर कोई टीवी एवं मोबाइल से लोग चिपक गए. सोशल साइट पर खासकर युवा वर्ग के मतदाता एक दूसरे को चैट कर अपने अपने प्रत्याशी के बारे में जानकारी लेते दिखे. शाम तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाने से लोग व्याकुल दिखे.
सरकारी कार्यालयों में भी बदला बदला दिखा नजारा.
शहर के समाहरणालय, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी आदि के कार्यालयों में आम दिनों की अपेक्षा सूनापन था. गोगरी के अनुमंडल कार्यालय में भी यही स्थिति थी. अन्य दिनों की तुलना में फरियादी और आम जन की संख्या नग्न थी. कार्यालय में कर्मचारी बैठे हुए दिखे. सभी हर 10 मिनट पर मत का रुझान जानने को मोबाइल पर संपर्क साध रहे थे. कई लोग मोबाइल पर भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट खोल मतगणना का अपडेट देख रहे थे. सरकारी कार्यालय में छुट्टी जैसा माहौल था. जिलाधिकारी द्वारा पहले ही स्कूल, कोचिंग व सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया गया.
———–सुबह सन्नाटा, दोपहर में बढ़ी हलचल व शाम को मना जश्न
बाजार समिति स्थित मतगणना केंद्र के समीप गौशाला रोड, आवासबोर्ड रोड, राजेन्द्र चौक आदि पथ पर दिन भर सन्नाटा छाया हुआ था. मतगणना के समय गौशाला रोड खाली दिखा. कई कार्यकर्ता तब पहुंचे, जब उनके प्रत्याशी की जीत बिल्कुल पक्की हो गयी. कार्यकर्ताओं ने विजयी प्रत्याशियों के बजाय बड़े नेताओं के समर्थन में नारे लगाते नजर आए. बाजार समिति के बाहर गेट पर सुबह चार बजे से ही लंबी लाइन दिखने लगी थी. विभिन्न पार्टियों के काउंटिंग एजेंट अपने निर्धारित समय से काफी पहले ही पहुंच गये, ताकि रस्साकशी न डोलनी पड़े. काउंटिंग एजेंटों की संख्या इतनी थी कि उनको दो लाइन लगा कर अंदर प्रवेश कराना पड़ा. प्रवेश से पहले उनकी खूब जांच भी हुई. उनके पॉकेट में रखे तंबाकू, सिगरेट व माचिस के पैकेट बाहर ही निकाल कर रखवा दिय गए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

