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अभिलेख के साथ छेड़छाड़ व न्यायालय कार्य बाधित करने वाला पेशकार सस्पेंड

अभिलेख के साथ छेड़छाड़ व न्यायालय कार्य बाधित करने वाला पेशकार सस्पेंड

प्रतिनिधि, खगड़िया

भूमि सुधार उप समाहर्ता न्यायालय के पेशकार गौतम कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है. बताया जाता है कि एक पक्ष को अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से न्यायालय अभिलेख के साथ छेड़छाड़ करने जैसे गंभीर आरोप में त्वरित कार्रवाई करते हुए डीएम अमित कुमार पांडेय ने उच्च वर्गीय लिपिक सह पेशकार गौतम कुमार को सस्पेंड कर दिया गया. बिहार सरकारी सेवक वर्गीकरण नियंत्रण व अपील नियमावली 2005 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित गौतम को निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय प्रखंड कार्यालय बेलदौर निर्धारित किया गया है.

डीसीएलआर की रिपोर्ट पर हुई कार्रवाई

बताया जाता है कि भूमि सुधार उप समाहर्ता श्वेता कुमारी के रिपोर्ट के आधार पर डीएम उक्त पेशकार के विरुद्ध कार्रवाई की है. जानकारी के मुताबिक भूमि सुधार उप समाहर्ता ने डीएम को रिपोर्ट भेजकर बताया कि उच्च वर्गीय लिपिक ( पेशकार ) द्वारा नापी अपील वाद संख्या 5/23-24 में प्रथम पक्ष से मिलीभगत कर अभिलेख के साथ छेड़छाड़ किया गया. बता दें कि पेशकार के इस कृत को बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली 1979 के अनुकूल नहीं बताते हुए डीएम इन्हें निलंबित कर दिया.

पेशकार करते थे न्यायालय कार्य को बाधित

भूमि सुधार उप समाहर्ता कार्यालय में पेशकार का कार्य कर रहे उच्च वर्गीय लिपिक गौतम कुमार पर पदाधिकारी को गुमराह कर न्यायालय कार्य बाधित करने का भी आरोप है. सूत्र बताते हैं कि भूमि सुधार उप समाहर्ता ने डीएम को भेजे रिपोर्ट में पेशकार द्वारा नापी अपील वाद संख्या -05/24-25 में एक पक्ष को लाभ पहुंचाने के लिए अभिलेख में छेड़छाड़ करने के साथ – साथ वादों में पेशकार की संदिग्ध भूमिका पर सवाल उठाये हैं. बताया जाता है कि भूमि सुधार उप समाहर्ता के निर्देश के बावजूद पूर्व में उक्त पेशकार ने कई अभिलेखों को उपस्थापित नहीं किया. बता दें कि पेशकार गौतम पर न्यायालय कार्य बाधित करने का भी आरोप है.

पेशकार पर आरोप-गठित कर चलायी जायेगी विभागीय कार्रवाई

निलंबित पेशकार पर विभागीय कार्रवाई चलेगी. जानकारी के मुताबिक डीएम ने इनके विरुद्ध प्रपत्र ” क ” गठित करने के आदेश भी जारी किये हैं. भूमि सुधार उपसमाहर्ता को एक सप्ताह में पेशकार के विरुद्ध आरोप-पत्र गठित कर अनुमंडल पदाधिकारी के माध्यम से जिला स्तर पर भेजने के निर्देश दिये गये हैं. जानकार बताते हैं कि आरोप-पत्र गठन के बाद जिला स्तर से संचालन तथा प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी नामित किये जाएंगे. फिर इनपर (पेशकार) लगे आरोपों की सुनवाई होगी. बता दें सुनवाई के दौरान इनपर लगे आरोप प्रमाणित होते हैं तो इन्हें दंडित भी किया जायेगा.

वित्तीय अनियमितता के मामले में पहले भी हुआ था आरोप-पत्र गठित

न्यायालय अभिलेख के साथ छेड़छाड़ व न्यायालय कार्य बाधित करने के आरोप में निलंबित किये गये उच्च वर्गीय लिपिक (पेशकार) गौतम कुमार के विरुद्ध पूर्व में भी आरोप-पत्र गठित हो चुके हैं. विभागीय सूत्र बताते हैं कि सुनवाई के बाद संचालन पदाधिकारी की रिपोर्ट पर उनका दो वेतन वृद्धि पर रोक लगाई गई है. बताया जाता है कि सदर अंचल कार्यालय में पदस्थापन के दौरान इन्हें नजारत का प्रभार यानि नाजिर की जिम्मेवारी सौंपी गई थी. वित्तीय अनियमितता के आरोप में गौतम कुमार के विरुद्ध डीएम के आदेश पर आरोप – गठित हुए थे.

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