खगड़िया. शुक्रवार को अलविदा जुमे पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने काला बिल्ला लगाकर मस्जिद पहुंचे. सभी ने वक्फ संशोधन बिल 2024 के विरोध में काला बिल्ला लगाकर नमाज अदा की. बताया जाता है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने निर्देश कर काला बिल्ला लगाकर लोग नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद पहुंचे थे. नमाजियों ने बिल को मुस्लिम विरोधी बताया और कहा कि वे इसे किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देंगे. मुस्लिम समुदाय का मानना है कि ये बिल उनकी धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करता है. उनका कहना है कि सरकार को वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने काला बिल्ला लगाकर केंद्र सरकार के इस फैसले का शांतिपूर्ण विरोध किया. उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 2024 किसी भी सूरत में मुसलमानों को स्वीकार नहीं है.
अलविदा जुमे की नमाज में सजदा में झुका सर
रहमत और बरकत के महीने रमजान के आखिरी जुमे पर अनुमंडल के मस्जिदों में नमाजियों की भीड़ उमड़ पड़ी. इत्र की खुशबू से नहायी मस्जिदों में अखलाक और खुलूश के साथ अलविदा की नमाज अदा की गयी. अनुमंडल के जामा मस्जिद शाह नगर जमालपुर, जामा मस्जिद गोगरी, थाना के सामने वाली मस्जिद, रामपुर, मुश्कीपुर, शेरगढ़ आदि मस्जिदों में हजारों की तादात में नमाजियों ने सजदे में सर झुकाया. नमाज के वक्त मुल्क में अमन-चैन के लिए दुआ मांगी. रमजान के आखिरी जुमे पर रोजेदार खासे उत्साहित दिखे. इसकी गवाही अकीदतमंदों से भरी मस्जिदों ने दी. शहर हो या देहात मस्जिद में काफी रौनक रही. सुबह से ही मस्जिदों में में अलविदा की नमाज की तैयारी जोरों पर रही. सभी मस्जिदों में लगे टंकी को पानी से भर दिया गया ताकि वजू बनाने में नमाजियों को कोई परेशानी ना हो. बारह बजते-बजते रोजेदारों की भीड़ जुटने लगी. कोई सिर पर नयी टोपी लगाये पहुंचा तो कोई नये कपडे़ पहनकर. संभवत: अब तीन रोजा होगा. अगर 30 मार्च को ईद का चांद देखा गया तो 31 मार्च सोमवार को ईद मनाया जायेगा. इसको लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है. अलविदा का नमाज अदा करने वालों में छोटे बच्चे भी पीछे नहीं रहे. नमाजियों के कपड़े और बदन पर लगे इत्र की खुशबू से मसजिदें महक उठी. शहर की अलग-अलग मसजिदों में अलग-अलम समय पर अलविदा की नमाज अदा की गयी. जमालपुर शाह नगर की जामा मस्जिद, गोगरी बड़ी मस्जिद समेत तमाम मस्जिद में अकीदत के साथ अलविदा की नमाज अदा की गयी. इस दौरान शहर में पुलिस की व्यवस्था चाक चौबंद रही.शुरू हुआ खुशियों का दौर
अलविदा की नमाज के साथ ही ईद की खुशियाें का दौर शुरू हो गया. लोग अभी से एक दूसरे को ईद की बधाई देने लगे. ऐसा माना जाता है अलविदा ईद के आने का प्रतीक है. इसके बाद से खुशियों की आमद होने लगती है. इसमें भी इससे एक दिन पहले अलविदा की नमाज अदा की जा रही है. इससे रोजेदारों की खुशी और बढ़ गयी है.……………..मरकजी खानकाह फरीदिया जोगिया शरीफ में अदा की गयी नमाज
अलौली. थाना क्षेत्र के सहसी पंचायत के मरकजी खानकाह फरीदिया जोगिया शरीफ में रमजान के आखरी जुम्मे की नमाज अदा की गयी. रमजान के आखिरी जुमे के मौके पर गौसिया जामा मस्जिद में दोपहर को जुमातुल-विदा की नमाज अदा की गयी. इस विशेष नमाज के पहले गौसिया जामा मस्जिद के इमाम हजरत बाबू सईदैन फरीदी ने जुमातुल-विदा का खुत्बा पढ़ा. नमाज के बाद अमन व खुशहाली की दुआएं मांगी. रमजान खत्म होने के बाद मनायी जाने वाली ईद-उल-फित्र की तैयारियां अंतिम चरण में है. उन्होंने कहा कि तीसरे अशरे के आखिरी जुमे को अलविदा का जुमा कहा जाता है. जुमा अलविदा के बाद ही ईद का त्योहार आता है. नमाज-ए-अलविदा जुमा को लेकर गौसिया जामा मस्जिद में सुबह से ही चहल-पहल देखी गयी. हजरत बाबू सिबतैन फरीदी ने कहा कि रमजान-उल- मुबारक महीना के दौरान एक ऐसी रात आती है. जो हजार रातों से बेहतर है. इस रात को शब-ए-कद्र के नाम से जाना जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है