आदर्श आचार संहिता के दायरे में आया सोशल मीडिया ………… गलत टिप्पणी करने वालों के साथ ही ग्रुप एडमिन के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई ……….. गोगरी. इस बार के विधानसभा चुनाव में जिला प्रशासन ने आदर्श आचार संहिता लागू होने के दिन से ही सोशल मीडिया जैसे धीमे जहर पर लगाम लगाना शुरू कर दिया है. हाल फिलहाल शहर में घटी घटनाओं के बावजूद कार्रवाई के भय से फिलहाल फेसबुक व वाट्सएप पर चुनाव के खुराफाती लोग विद्वेष फैलाने वाले या मनमुटाव पैदा करने वाले सोशल मीडिया से दूरी बनाए हुए है. या यूं कहें कि कार्रवाई के डर से सोशल मीडिया के ग्रुप एडमिन चौकन्ने हो गये हैं. उन्होंने फेसबुक, वाट्सएप ग्रुप पर किये जाने वाली पोस्ट का दायरा सीमित कर दिया है. बताया जाता है कि कुछ ग्रुप एडमिन चेतावनी दे रहे हैं, तो कुछ ने अपने ग्रुप पर केवल एडमिन को ही पोस्ट करने की अनुमति दी है. इनके ग्रुप पर शेष लोग किसी भी प्रकार की पोस्ट नहीं कर सकते. दरअसल, विधानसभा चुनाव के दौरान भारत चुनाव आयोग और जिला प्रशासन सोशल मीडिया को लेकर गंभीर है. पूर्व में ही डीएम नवीन कुमार, एसपी राकेश कुमार ने आपत्तिजनक और प्रत्याशियों के संबंध में किये जाने वाले पोस्ट पर कार्रवाई की चेतावनी जारी की है. जिला प्रशासन द्वारा चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद से अब सोशल मीडिया पर भी शिकंजा कसा जा रहा है. पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने स्पष्ट आदेश जारी किया है कि फेसबुक व वाट्सएप ग्रुप पर कोई भी राजनीतिक या धार्मिक टिप्पणी नहीं की जायेगी. कुल मिलाकर आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से सोशल मीडिया पर फेंक पोस्ट नहीं हो रहा है.
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