भाई को धक्का मार कर ऑटो के सामने से हटाया, खुद आयी चपेट में
सड़क हादसे के दौरान खुद की जान देकर भाई की जान बचाने वाली रागिनी को लोग खूब याद कर रहे थे. सभी उसकी मौत से गमगीन थे.
चौथम : अब तक बहन भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी सुरक्षा की कामना करती रही हैं, लेकिन रविवार को बहन ने भाई की जान बचाने के लिए अपनी जान गंवा दी. गांव में यह चर्चा का विषय बना हुआ है. एक दस साल की बच्ची ने भाई को बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी.
भाई और बहन सुबह एक पेन के लिए घर में लड़ाई कर रहे थे. दोनों एक साथ दुकान पेन खरीदने के लिए पापा से पैसा लेकर गये. लेकिन उन्हें क्या पता था कि अनियंत्रित ऑटो काल बनकर आ रहा है. राजेश सिंह कि बेटी अपनी जान नहीं देती, तो उनका पुत्र अभिनीत इस दुनिया में नहीं रहता. दरअसल हुआ यों कि रागिनी की नजर अनियंत्रित ऑटो पर पड़ी और उसे लगा कि दोनों ऑटो की चपेट में आने वाले हैं. रागिनी ने स्वयं न बचते हुए अपने भाई को पहले धक्का देकर ऑटो से बचाया. इससे पहले की वह खुद भी बचती, ऑटो ने उसे अपनी चपेट में ले लिया. इससे उसकी मौत घटना स्थल पर ही हो गयी.
चिलचिलाती धूप में यात्रियों को हुई परेशानी
सड़क दुर्घटना में छात्रा की मौत के बाद आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर दिया. जाम के कारण सड़क के दोनों ओर एनएच 107 पर वाहनों की लंबी कतार लग गयी. आक्रोशित ग्रामीण मुआवजे की मांग पर अड़े थे. इससे आक्रोशित लोगों को समझाने बुझाने में प्रशासन को तीन घंटे का समय लग गया. आखिरकार मुआवजा के आश्वासन के बाद ही जाम को हटाया जा सका. इसके कारण यात्रियों को चिलचिलाती धूप में पानी आदि के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ी.
जाम तोड़वाने आये थानाध्यक्ष सुनील कुमार सहनी, एसआइ योगेन्द्र यादव, एएसआइ श्याम मुरत सिंह आदि से ग्रामीण अंचलाधिकारी को घटना स्थल पर बुलाकर मुआवजे का चेक देने की मांग कर रहे थे. अंचलाधिकारी ने मोबाइल से संपर्क करने पर कार्यालय काम से पटना में होने की बात कही. पुलिस प्रशासन ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से मृतक के परिजनों को मुआवजा प्रक्रिया पूरा कर निश्चित रूप से आपदा राहत के तहत चार लाख रुपये दिलाने का थानाध्यक्ष सुनील सहनी ने अश्वासन दिया.
इसके बाद ही जाम तोड़ा गया. इस दौरान पुलिस प्रशासन को मनोज साह, अशोक सिंह, पंचायत पैक्स अध्यक्ष सज्जन सिंह, कौशल सिंह, गुलाब सिंह, उमेश पटेल आदि ने सहयोग किया. वहीं, कागजी प्रक्रिया पूरी कर मुआवजे की राशि एक सप्ताह के अंदर दिलाने को लेकर थानाध्यक्ष सुनील सहनी ने अश्वासन दिया.
मौत से गमगीन हुआ वातावरण
पटेल नगर में अनियंत्रित ऑटो के चपेट में आये 10 वर्षीय रागिनी की मौत व उसके भाई के जख्मी होने से पूरे गांव में मातम छा गया. मृत बच्ची से लिपट कर उसकी मां, दादी व फूआ दहाड़ मारकर रो रही थीं. इधर, बच्चे के पिता का बुरा हाल था. मृतक बच्ची के परिजनों के विलाप से घटना स्थल पर पहुंचे ग्रामीणों के आंखों से आंसू छलक रहे थे.
दुर्घटना जोन बना पटेल नगर एनएच 107
पटेल नगर सड़क दुर्घटना का अब जोन माने जाने लगा है. अक्सर यहां सड़क दुर्घटना में कई बच्चे, बूढ़े जान गवां चुके हैं. स्थानीय ग्रामीणों ने पटेल नगर में ट्रैफिक नियमों का पालन कराने के लिए पुलिस प्रशासन पर दवाब बना रहे थे. वहीं, एऩएच 107 पर परिवहन अधिनियम का हो रहा उल्लंघन पर रोक लगाने की मांग कर रहे थे. लगातार हो रही सड़क दुर्घटना से तंग आकर पुलिस प्रशासन ने क्रॉस नियंत्रण बोर्ड लगा कर वाहनों की गति पर नियंत्रित करने का पहल की थी. इससे दुर्घटना थम सके, लेकिन इस सड़क दुर्घटना ने बीती घटनाओं की याद ताजा कर दी.
