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तेजी से चल रहा गंगा पुल का निर्माण

भूमि अधिग्रहण में हो सकती है देरी उभरने लगे हैं मजदूरों को काम नहीं देने का विवाद खगड़िया/परबत्ता : जिले के परबत्ता प्रखंड के दक्षिणी छोर पर गंगा नदी पर अगुवानी और सुलतानगंज घाटों के बीच बीते 1.5 वर्षों से बनाये जा रहे फोर लेन पुल का काम एक बार फिर तेजी पकड़ने लगा है. […]

भूमि अधिग्रहण में हो सकती है देरी

उभरने लगे हैं मजदूरों को काम नहीं देने का विवाद
खगड़िया/परबत्ता : जिले के परबत्ता प्रखंड के दक्षिणी छोर पर गंगा नदी पर अगुवानी और सुलतानगंज घाटों के बीच बीते 1.5 वर्षों से बनाये जा रहे फोर लेन पुल का काम एक बार फिर तेजी पकड़ने लगा है. बीते अगस्त माह में आयी बाढ़ के बाद से पुल निर्माण का कार्य बाधित हो गया था. इसके अलावा बाढ में निर्माण सामग्री मिश्रण के लिए लगाये गये मिनी प्लांट के साथ साथ बड़े मात्रा में निर्माण सामग्री डूब गया था. बहरहाल निर्माण के लिये चयनित कंपनी एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के अधिकारी व कर्मी अब इन परेशानियों से निबटकर फिर से काम को गति देने में लगे हुए हैं.
स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की मांग : गंगा नदी के ऊपर चल रहे इस पुल निर्माण के कार्य में प्रतिदिन सैंकड़ों कुशल और अकुशल मजदूर तथा विभिन्न स्तर के कर्मी काम करते हैं. इसमें पश्चिम बंगाल,पंजाब,उत्तर प्रदेश समेत अन्य प्रदेशों के मजदूर शामिल हैं. इतने बड़े प्रोजेक्ट के चलते रहने के बावजूद स्थानीय मजदूरों को इसमें काम नहीं मिल पा रहा है. स्थानीय मजदूरों में इस बात को लेकर आक्रोश बढ़ रहा है. बीते वर्ष 2016 के आखिरी दिन स्थानीय मजदूरों ने पुल निर्माण काम में स्थानीय मजदूरों को प्राथमिकता के आधार पर लगाने को लेकर प्रदर्शन किया. हालांकि इस प्रदर्शन को कंपनी के अधिकारियों ने शांत कर दिया. लेकिन यह कहना कठिन है कि यह कब तक शांत रह पायेगा.
कहते हैं अंचलाधिकारी
इस संबंध में पूछने पर अंचल अधिकारी शिवशंकर गुप्ता ने बताया कि पुल निर्माण कंपनी द्वारा चिन्हित भूमि के अधिग्रहण को लेकर प्रक्रिया चल रही है. समय समय पर कंपनी द्वारा दिये गये सूचना को संज्ञान में लेकर काम को आगे बढ़ाया जा रहा है. चिन्हित भूमि के प्रकृति की जांच प्रक्रियाधीन है. जांच प्रतिवेदन आने के बाद ही स्पष्ट तौर पर कुछ कहा जा सकता है. लेकिन प्रथम दृष्टया किसानों और सरकार के पास उपलब्ध अभिलेख में अंतर होने का दावा किया जा रहा है.सभी अभिलेखों को देखने व परीक्षण करने के बाद ही स्पष्ट निर्णय लिया जा सकेगा. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चलती रहेगी.
इे परियोजना का कार्य प्रभावित नहीं होगा.
धीमी है भूमि अधिग्रहण की रफ्तार
गंगा नदी पर पुल के निर्माण ने तो तेजी पकड़ लिया है, लेकिन भूमि अधिग्रहण की रफ्तार धीमी ही है. इस वजह से इस पुल निर्माण को उम्मीद की नजर से देखने वाले लोग इस बात को लेकर आशंकित हैं कि पुल निर्माण हो जाने के बावजूद एप्रोच पथ के अभाव में लोगों को पुल का फायदा मिलने में देर लग सकती है. जानकारों का कहना है कि दीघा पुल, मुंगेर पुल तथा विजय घाट पुल में एप्रोच पथ नहीं रहने के कारण इन पुलों के बन जाने के बावजूद यह आम लोगों के लिये उपयोगी नहीं हो पा रहा है. कहीं वही हाल अगुवानी सुलतानगंज पुल का हो गया तो सारी उम्मीदें धरी रह जायेगी.

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