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बढ़ी कनकनी, घर में दुबके लोग

परेशानी. नये साल के पहले हफ्ते में मौसम ने फिर ली करवट पिछले एक सप्ताह से मौसम के बदलते मिजाज ने लोगों के जनजीवन को प्रभावित किया है. सोमवार व मंगलवार को हल्की धूप निकली रही, लेकिन बुधवार को पूरा दिन ठंड के आगोश में रहा. ऐसे में सड़कों पर जीवन-यापन करने वाले लोगों की […]

परेशानी. नये साल के पहले हफ्ते में मौसम ने फिर ली करवट

पिछले एक सप्ताह से मौसम के बदलते मिजाज ने लोगों के जनजीवन को प्रभावित किया है. सोमवार व मंगलवार को हल्की धूप निकली रही, लेकिन बुधवार को पूरा दिन ठंड के आगोश में रहा. ऐसे में सड़कों पर जीवन-यापन करने वाले लोगों की परेशानी बढ़ी रही.
खगड़िया : बीते एक महीने से मौसम पल-पल अपना रंग बदल रहा है. कभी तेज सर्द तो कभी हल्की ठंड से लोग परेशान हो रहें है. अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी हैं. एक दिन में दो तरह के मौसम देखने को मिल रहे है. कभी दिन में तेज धूप तो कभी घना कोहरा और शाम होते ही कड़ाके की ठंड से पूरा शहर ठिठुर रहा है. मौसम के उतार-चढ़ाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि करीब एक महीने के अंदर लगभग आधे दर्जन बार मौसम ने यू टर्न लिया है.
फसलों को भी हो सकता है नुकसान : इधर प्रखंड कृषि पदाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि रह-रह बदल रहे मौसम से फसलों को नुकसान पहुंच सकता है. खासकर दलहन और आलू को झुलसा रोग प्रभावित कर सकता है. इसके अलावे धान की नमी भी धूप नहीं निकलने के कारण खत्म नहीं हो रही.अगर कुछ दिनों तक मौसम ऐसा ही लगातार बना रहा तो फसलों पर विशेष ध्यान देना होगा.वैसे किसानों को चाहिए कि आलू की फसल की पटवन करते रहें और दवाओं का छिड़काव भी जारी रखें.
स्कूल जाने से कतरा रहे बच्चे : रह-रह कर मौसम के करवट बदलने से बढ़ रही ठंड के कारण स्कूल जाने से बच्चे कतरा रहे हैं. शहर के कुछ स्कूल खुले रहने के कारण निचली क्लासों में पढ़ने वाले बच्चों को स्कूल जाने में परेशानी महसूस हुई. हालांकि, इस तेज ठंड में स्कूल के खुले रहने से अभिभावक भी थोड़े नाराज हैं और अभिभावक ही ऐसा कहते पाये जा रहे हैं कि कम से कम मौसम का मिजाज देख कर स्कूल को कुछ दिनों के लिये बंद कर देना चाहिए. ताकि, बच्चों को सुबह उठ कर स्कूल जाने में परेशानी न हो.
दिसंबर में प्रशासन ने की थी अलाव की व्यवस्था फिर से जरूरत महसूस कर रहे लोग. पिछले एक सप्ताह से बदलते मौसम के मिजाज ने लोगों के जनजीवन को प्रभावित किया है. सोमवार व मंगलवार को हल्की धूप निकली रही लेकिन बुधवार को पूरा दिन ठंड के आगोश में रहा. ऐसे में सड़कों पर जीवन-यापन करने वाले लोगों की परेशानी बढ़ी रही.ठंड से बचने के लिए गरीब व असहायों के कंबल काम नहीं आ रहे. पिछले तीन दिनों के तापमान पर गौर किया जाये, तो अधिकतम 20 से 24 डिग्री व न्यूनतम 10 से 12 डिग्री तापमान रहा है. चार जनवरी बुधवार को अधिकतम तापमान 24 डिग्री और न्यूनतम 11 डिग्री रहीं.
बीपी के मरीजों के लिए सावधानी जरूरी : इस मौसम में लकवा (पारालायसिस) की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि ठंड में खून की नलियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे खून का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है. इससे हाइ ब्लडप्रेशर के मरीजों में लकवा का खतरा बढ़ जाता है. बुजुर्गों में उम्र बढ़ने के साथ भी यह खतरा बढ़ता है. इससे बचने के लिए समय-समय ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहना जरूरी है. दमा के मरीजों को भी विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. ठंड के चलते दमा के मरीजों में दौरे पड़ने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे मरीज अपनी दवाएं हमेशा अपने साथ रखें.
कड़ाके की ठंड में बढ़ा बीमारियों का खतरा
ठंड के मौसम में बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सबको विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, ऐसे मौसम में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ठंड के दौरान स्वस्थ लोग भी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं, जबकि पहले से बीमार लोगों की परेशानी और बढ़ सकती है. ऐसे में जरूरी है कि आप अपने खान-पान में गर्म चीजों का सेवन बढ़ायें. ठंडी चीजों से परहेज करें.
मॉर्निंग वॉक से परहेज करें बीमार व बुजुर्ग लोग
सुबह ज्यादा कोहरा व ठंड हो, तो फिलहाल मॉर्निंग वॉक से परहेज करना भी फायदेमंद हो सकता है. खासकर, तब जब आप ब्लडप्रेशर, दिल या सांस की बीमारियों से परेशान रहे हों. बुजुर्ग व बच्चों को शाम होने के बाद घर से बाहर निकलने से रोकें.जरा भी परेशानी हो, तो तुरंत अपने पारिवारिक चिकित्सक से मिलें और जरूरी दवाओं का डोज पूरा होने तक सेवन करें.

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