परेशानी . धान बेचने के लिए करना पड़ेगा इंतजार, नहीं िमल रहे खरीदार
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औने-पौने दामों में किसान बेच रहे धान
परेशानी . धान बेचने के लिए करना पड़ेगा इंतजार, नहीं िमल रहे खरीदार दिसंबर का पहला सप्ताह बीत गया लेिकन पैक्सों में धान की अधिप्राप्ति शुरू नहीं हो पायी. इस कारण किसान व्यापारियों के हाथो कम कीमत पर फसल बेचने को मजबूर हैं. बेलदौर : प्रखंड क्षेत्र के किसानों को सरकारी बाजार नहीं मिल पाने […]
दिसंबर का पहला सप्ताह बीत गया लेिकन पैक्सों में धान की अधिप्राप्ति शुरू नहीं हो पायी. इस कारण किसान व्यापारियों के हाथो कम कीमत पर फसल बेचने को मजबूर हैं.
बेलदौर : प्रखंड क्षेत्र के किसानों को सरकारी बाजार नहीं मिल पाने के कारण उत्पादित धान को औने पौने दामों में कारोबारियों के हाथ बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है. अब तक सरकारी घोषणाओं के बावजूद भी पैक्स एवं व्यापार मंडल में धान की खरीदारी प्रारंभ नहीं हो सकी है. दिसंबर के प्रथम सप्ताह तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद शुरू करने में प्रशासन सफल नहीं हो पाया. पैक्स एवं व्यापार मंडलों में अब तक धान अधिप्राप्ति केंद्र तक भी नहीं खुल पाया. इससे सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि धान की खरीदारी करने में सरकार की कितनी रुचि है. इस लापरवाही का समुचित लाभ बिचौलिए एवं व्यापारी जमकर उठा रहे हैं.
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए भंडारित करने वाले किसानों का हौसला अब टूटने लगा है. अपने खलियान एवं घरों में भंडारित किए गए धान में चूहे एवं कीड़े मकोड़े के प्रकोप से किसान चिंतित है. वहीं आर्थिक जरूरत भी उन्हें परेशान कर रही है. ऐसे किसान अब अपने धान को व्यापारियों के हाथ बेचने को मजबूर हो रहे है. किसानों को उम्मीद थी कि एक दिसंबर से धान की खरीदारी पैक्सों में शुरू हो जाएगी. लेकिन उक्त तिथि के पांच दिन बीत जाने के बाद भी खरीदारी शुरू नहीं हो पाई. पैक्स अध्यक्ष किसानों को धान खरीद के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं दे रहे हैं. सार्वजनिक स्तर पर खरीदारी शुरू नहीं होने से निराश किसान अपने उत्पाद को औने पौने कीमत में बिक्री कर अपने जरूरतों को पूरा करने को मजबूर हैं. इस संदर्भ में किसानों ने बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिक्री करने के लिए तीन से चार सप्ताह तक और इंतजार करना पड़़ सकता है. एक दिसंबर से जिले में धान की खरीदारी करने का जिला प्रशासन का दावा बेलदौर में सफल होते नजर नहीं आ रहा है. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीदारी नहीं किए जाने से किसानों को अपने उत्पाद को न्यूनतम समर्थन मूल्य से तीन से चार सौ रुपये प्रति क्विंटल कम दर से बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है. जिला परिषद सदस्य मीरा देवी, पूर्व मुखिया राजो सहनी ने जिला प्रशासन से शीघ्र किसानों से धान सीधे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद किए जाने की मांग की है.
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