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एक्यूप्रेशर पद्धति से संभव है पुराने दर्द का इलाज
खगड़िया : एक्यूप्रेशर के माध्यम से स्वस्थ्य जीवन संभव है. शुक्रवार को कोशी महाविद्यालय के विज्ञान संकाय सभागार में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान कॉलेज के प्राचार्य डा. रामपूजन सिंह ने कहा कि वर्तमान परिवेश में आमलोग आधुनिक खानपान व अनियमित जीवनशैली के चलते कई रोगों का शिकार हो रहे हैं. समुचित पौष्टिक आहार […]
खगड़िया : एक्यूप्रेशर के माध्यम से स्वस्थ्य जीवन संभव है. शुक्रवार को कोशी महाविद्यालय के विज्ञान संकाय सभागार में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान कॉलेज के प्राचार्य डा. रामपूजन सिंह ने कहा कि वर्तमान परिवेश में आमलोग आधुनिक खानपान व अनियमित जीवनशैली के चलते कई रोगों का शिकार हो रहे हैं. समुचित पौष्टिक आहार के नहीं मिलने पर लोग अस्वस्थ्य हो जाते है. उन्हें शरीर के विभिन्न अंगों में जकड़न पैदा होने लगती है. कई लोग पैदल चलने से लाचार हो जाते है. इसके स्थाई समाधान के लिए एक्यूप्रेशर के माध्यम ही उचित इलाज है. इस अवसर पर पटना से आये प्रो. प्रमोद कुमार सिन्हा ने बताया कि शरीर के सभी जोड़ों का हाथ के जोड़ से सीधा संबंध है. शरीर के दर्द को हाथ व पैर के जोड़ के सटीक जगह हो एक्यूप्रेशर के माध्यम से दूर किया जा सकता है.
उन्होंने बताया की अर्थराइटिस, कमर, गर्दन आदि अंगों का पुराना दर्द भी नियमित रूप से एक्यूप्रेशर के सहारे स्थाई रूप से दूर किया जा सकता है. आयोजित प्रशिक्षण में दर्जनों महिला एवं पुरूषों को विभिन्न तरह के जोड़ों के दर्द से मुक्ति के उपाय बताये गये. प्रशिक्षण में डा. डीबी नाथ, डा. श्याम चंद्र राय, डा. एससी चंदेल सहित दर्जनों छात्र -छात्रा एवं ग्रामीण क्षेत्र क महिला एवं बुर्जुगों ने इस एक्यप्रेशर प्रशिक्षण में भाग लिया.
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