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सदर अस्पताल में मरीजों को दें बेहतर व्यवस्था

एडीएम ने सीएस को दिये कई निर्देश खगड़िया : सदर अस्पताल की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार को लेकर कई बिंदुओं पर कार्य करने के लिए सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया है. जिले के प्रमुख स्वास्थ्य केद्र सदर अस्पताल में इलाज कराने आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज के साथ-साथ मुफ्त जांच व दवाई […]

एडीएम ने सीएस को दिये कई निर्देश

खगड़िया : सदर अस्पताल की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार को लेकर कई बिंदुओं पर कार्य करने के लिए सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया है. जिले के प्रमुख स्वास्थ्य केद्र सदर अस्पताल में इलाज कराने आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज के साथ-साथ मुफ्त जांच व दवाई मिले, घंटों कतार में लगने से निजात मिले, इसके लिए एडीएम सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी विजय कुमार सिंह ने सीएस को आदेश जारी किया है. मिली जानकारी के मुताबिक शिकायत कर्ता धर्मेन्द्र कुमार की शिकायत पर सुनवाई करते हुए.
श्री सिंह ने कई बिन्दुओं पर कार्य कर सदर अस्पताल में चिकित्सीय सुविधा को और बेहतर बनाने का निर्देश स्वास्थय पदाधिकारी को दिया है. बताया जाता है अस्पताल में मरीजों को इलाज कराने मे हो रही परेशानी के मद्देनजर शिकायतकर्ता ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष शिकायत की थी. जहां पहले तो दोनों पक्षों को सुना गया. फिर इस मामले में आदेश जारी किया है.
आयुक्त ने भी दिये निर्देश
: इधर प्रमंडलीय आयुक्त ने भी जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के जारी उक्त आदेश पर अपनी मुहर लगाते हुए सिविल सर्जन को उक्त सभी निर्देशों का अनुपालन कराने को कहा है. जानकारी के मुताबिक यह मामला प्रथम अपीलीय प्राधिकार सह प्रमण्डलीय आयुक्त के पास भी गया था. जिस पर आयुक्त ने सुनवाई करते हुए जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश को यथावत रखते हुए. सीएस को सभी बिंदुओं पर दिये गए निर्देश का अनुपालन कराने को कहा है.
सीएस ने भी दी रिपोर्ट
सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता के साथ साथ सिविल सर्जन ने भी अस्पताल की व्यवस्था के संबंध में रिपोर्ट दी थी. सीएस ने आवेदक के दावों को गलत करार दिया. उन्होंने रिपोर्ट में बताया कि सदर अस्पताल में 31 के विरूद्ध मात्र 14 डॉक्टर ही कार्यरत है. इसके बावजूद सौ सैय्या वाले सदर अस्पताल को कायाकल्प योजना के तहत वर्ष 15-16 में राष्ट्रीय स्तर पर द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है. सीएस ने सदर अस्पताल में 32 प्रकार की जांच होने,
ओपीडी में 28 तथा आईपीडी में 70 प्रकार की दवा उपलब्ध होने के साथ साथ जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को यह लिखित रिपोर्ट दी है कि गर्भवती, नि: शक्त एवं वृद्ध मरीजों को इलाज के लिए पहले पूर्जा दी जाती है. वहीं अस्पताल में विलम्ब से आने वाले चिकित्सकों की हाजिरी भी काटे जाने की बातें सीएस ने सुनवाई के दौरान बतायी. सीएस के मुताबिक सदर अस्पताल में हजार से 15 सौ मरीजों का इलाज प्रतिदिन होता है.

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