गड़बड़ी. खेती की जमीन बता करते हैं व्यवसाय
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ईंट भट्ठा मालिक लगा रहे सरकार को चूना
गड़बड़ी. खेती की जमीन बता करते हैं व्यवसाय पांच सौ वर्गफीट से अधिक जमीन पर व्यवसाय किये जाने पर उस जमीन का सम परिवर्तन कराना अनिवार्य है. लेकिन ईंट-भट्ठा मालिक इसका पालन नहीं कर रहे हैं. खगड़िया : कृषि योग्य जमीन पर व्यवसाय कर धड़ल्ले से लोग सरकारी राजस्व की हानि पहुंचा रहे है, लेकिन […]
पांच सौ वर्गफीट से अधिक जमीन पर व्यवसाय किये जाने पर उस जमीन का सम परिवर्तन कराना अनिवार्य है. लेकिन ईंट-भट्ठा मालिक इसका पालन नहीं कर रहे हैं.
खगड़िया : कृषि योग्य जमीन पर व्यवसाय कर धड़ल्ले से लोग सरकारी राजस्व की हानि पहुंचा रहे है, लेकिन इस कार्य को अंजाम देने में जिले के कई ईंट भट्ठे मालिक आगे हैं, जो कृषि की जमीन का स्वरूप परिवर्तन कर इस पर व्यवसाय तो करते हैं, लेकिन इस जमीन का सम परिवर्तन नहीं कराये हुये हैं. इससे सरकारी राजस्व का नुकसान हो रहा है.
विभागीय आंकड़े के मुताबिक जिले में 64 निबंधित ईंट भट्ठे चल रहे हैं. हालांकि खनन विभाग के पास यह आंकड़ा नहीं है कि कितने ईंट भट्ठे मालिकों ने जमीन का सम परिवर्तन कराकर कृषि योग्य जमीन पर ईंट का व्यवसाय कर रहे हैं, लेकिन जानकार बताते हैं कि अधिकांश ईंट भट्ठे अवैध तरीके से बे रोक-टोक चल रहे हैं.
यानी लगान मात्र कृषि योग्य जमीन का और इसका उपयोग कारोबार के लिए. जिले के अधिकांश ईंट भट्ठे कृषि योग्य जमीन पर चल रहे हैं. जिसका सम परिवर्तन ईंट भट्ठे मालिकों ने नहीं कराया है.
सूत्र बताते हैं कि लगान चोरी करने के उद्देश्य से ये कारोबारी जमीन का सम परिवर्तन नहीं करा रहे है. अगर वे ऐसा कराते हैं तो प्रत्येक भट्ठे मालिकों को एक मुश्त लाखों रुपये सरकार के खजाने में जमा कराने होंगे. उल्लेखनीय है कि जमीन के व्यवसायिक प्रयोग होने पर गैर कृषि सम परिवर्तन अधिनियम के तहत जमीन के मूल्य का दस प्रतिशत राशि एक साथ कारोबारी को सरकारी खजाने में जमा कराने पड़ते है. जानकार बताते हैं कि मोटी रकम जमा करने के डर से ही ईंट भट्ठे मालिक इससे दूर भागते है.
पेट्रोल पंप भी जांच घेरे में
विभागीय नियमानुसार ग्रामीण क्षेत्र में पांच सौ वर्गफीट से अधिक जमीन पर व्यवसाय किये जाने पर उस जमीन का सम परिवर्तन कराना अनिवार्य है. जिले में कई पेट्रोल पंप, गैस गोदाम, अनाज गोदाम, एनएच किनारे अवस्थित लाइन होटल, बिस्कुट फैक्ट्री सहित अन्य कारोबार अवैध तरीके से चल रहे हैं. संचालक के द्वारा जमीन व्यवसायिक लगान की जगह कृषि योग्य भूमि का लगान दिया जाता है. क्योंकि इनके द्वारा जमीन का सम परिवर्तन ही नहीं कराया गया है.
जुर्माना का भी है प्रावधान
कृषि योग्य जमीन पर अवैध तरीके से व्यवसायिक कार्य करने वालों पर जुर्माने का भी प्रावधान है. जानकारी के मुताबिक ऐसा करते पकड़े जाने पर कारोबारी पर जुर्माना लगाया जाता है. जुर्माने के दौरान जमीन के मूल्य का 15 प्रतिशत राशि कारोबारी से वसूली की जाती है, लेकिन इस जिले में ऐसे गोरखधंधा करने वालों पर जुर्माना लगाना तो दूर इनकी जांच तक नहीं करायी जाती है.
अधिनियम लागू कराने के लिए एसडीओ हैं सक्षम
विभागीय जानकार के मुताबिक गैर कृषि सम परिवर्तन अधिनियम को लागू कराने, जांच कराने, कृषि योग्य जमीन का गैर कृषि कार्य के लिए जमीन का सम परिवर्तन करने तथा पकड़े जाने पर जुर्माना करने का अधिकार एसडीओ को दी गयी है, लेकिन जो स्थिति बनी है उससे यही कहा जा सकता है कि इस अधिनियम को शत प्रतिशत लागू कराने में अधिकारी संवेदनशील नहीं है.
कहते हैं खनन पदाधिकारी
इधर, जिला खनन पदाधिकारी उपेंद्र पासवान ने बताया कि कितने ईंट भट्ठे जमीन का सम परिवर्तन करा कर चलाये जा रहे हैं. यह जानकारी नहीं है. तत्कालीन डीएम राजीव रोशन ने संबंधित पदाधिकारी को जांच कर यह कार्य पूरा करने का निर्देश दिया था.
डीसीएलआर ने की थी दो ईंट भट्ठों की जांच
तत्कालीन डीसीएलआर ओमप्रकाश ने अपने क्षेत्र भ्रमण के दौरान सोनमनखी घाट के समीप दो ईंट भट्ठे की जांच की थी. जांच के दौरान ये सामने आया था कि उक्त दोनों चिमनी कृषि योग्य जमीन पर बगैर जमीन का सम परिवर्तन कराये चलाये जा रहे है. जिस पर डीसीएलआर ने सीओ को जमीन का स्वरूप बदलने के लिए एसडीओ के पास प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया था.
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