खगड़िया : जिले में जांच के नाम पर मरीजों के जान से खेला जा रहा है. जिला मुख्यालय सहित जिले के अन्य प्रखंडों में संचालित लगभग 200 गैर निबंधित जांच घर (पैथोलॉजी) बिना नियम कायदे का चल रहा है. उक्त जांच घर पर किसी प्रकार अंकुश लगाने में स्वस्थ्य अक्षम साबित हो रहे है. रोजाना खुल रहे नये पैथोलॉजी सरकारी मानक का तनिक भी ख्याल नहीं रख रहा है. जिला निबंधन कमेटी के पास लगभग दर्जनों आवेदन लंबित पड़े हैं. ऐसे में अगर देखा जाय तो कुछ को छोड़ बांकी जांच घर बिना निबंधन का चल रहा है.
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सस्ती हुई मरीजों की जान, विभाग है अनजान
खगड़िया : जिले में जांच के नाम पर मरीजों के जान से खेला जा रहा है. जिला मुख्यालय सहित जिले के अन्य प्रखंडों में संचालित लगभग 200 गैर निबंधित जांच घर (पैथोलॉजी) बिना नियम कायदे का चल रहा है. उक्त जांच घर पर किसी प्रकार अंकुश लगाने में स्वस्थ्य अक्षम साबित हो रहे है. रोजाना […]
हालात यह है कि मामले अक्सर उठने के बावजूद अब तक जिले में एक भी गैर निबंधित जांच घर पर जुर्माना तक नहीं किया गया है. गैर निबंधित जांच घरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण स्वास्थ्य माफिया बेखौफ हैं. ऐसे में मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है.
अप्रशिक्षित तकनीशियन कर रहे जांच : अधिकतर जांच घरों में अप्रशिक्षित टेक्नीशियन ही मरीज के खून-पेशाब आदि की जांच करते हैं. मुख्यालय सहित पूरे क्षेत्र में बिना निबंधन के सैकड़ों जांच घर व एक्स-रे घर में प्रशिक्षित लैब टेक्नीशियन नहीं होते हैं. ऐसे जांच की प्रमाणिकता व रिपोर्ट पर सवालिया निशान खड़ा हो जाता है. इनके जांच पर इलाज के बाद कई बार मरीजों का स्वास्थ्य ठीक होने के बजाय और भी बिगड़ जाता है. इससे लोगों को मानसिक व आर्थिक क्षति तो होती ही है, साथ साथ जान से भी हाथ धोने का खतरा बना रहता है.
चिकित्सक व लैब संचालक की रहती है मिली भगत : इन जांच घरों का स्थानीय चिकित्सकों के साथ मिली भगत होती है. कुछ रुपये के लालच में चिकित्सक भी मरीजों के जीवन से खिलवाड़ करते हैं. चिकित्सकों के पास इन जांच घरों के नाम की परची होती है. वे मरीजों को जांच के लिए उस परची को थमा देते हैं. हिदायत देते हैं कि इन्हीं जांच घर में जांच करानी है. चिकित्सकों को जांच व एक्स-रे पर जांच घर चलाने वालों द्वारा कमीशन निर्धारित किया गया है, जो उन्हें समय से पहुंचा दिये जाते हैं.
मरीजों से हो रही लूट
कुछ को छोड़ कर जिले के जांच घरों में किसी भी जांच का निर्धारित दर नहीं है. अलग-अलग जांच घरों में हर तरह की जांच के अलग-अलग दर निर्धारित हैं. जांच व एक्स-रे के मरीजों से मनमाना कीमत वसूल किया जाता है. इस संबंध में मरीजों या उसके परिजनों की भी शिकायत सुनने वाला कोई नहीं है.
कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अरुण कुमार सिन्हा ने बताया कि स्थिति पर नजर है. जांच घर का निबंधन प्रक्रिया जारी है. वहीं गैर निबंधित जांच घर की स्थिति की जानकारी के लिए कमेटी बनायी गयी है. रिपोर्ट मिलते ही कार्रवाई की जायेगी.
जुर्माने का है प्रावधान
बिना निबंधन के जांच घर संचालित करने पर पहली बार पचास हजार रुपये जुर्माना करने का प्रावधान है. दूसरी बार बिना निबंधन के जांच घर संचालित करते पकड़े जाने पर दो लाख रुपये जुर्माना किया जाता है. वहीं तीसरी बार पकड़े जाने पर पांच लाख रुपये जुर्माना व कानूनी कार्रवाई किये जाने का प्रावधान है.
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