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सभी प्रकार के प्रतिनियोजन अवैध

कार्रवाई. प्रधान सचिव ने प्रतिनियोजन के खेल पर लगाया ब्रेक स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने सरकारी अस्पतालों व कार्यालयों में स्वास्थ्यकर्मियों व चिकित्सकों के प्रतिनियोजन को तत्काल प्रभाव से रद्द करते हुए सभी जिलों के डीएम व सीएस को पत्र भेज कर इसके अनुपालन का आदेश दिया है. कटिहार में प्रधान सचिव […]

कार्रवाई. प्रधान सचिव ने प्रतिनियोजन के खेल पर लगाया ब्रेक
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने सरकारी अस्पतालों व कार्यालयों में स्वास्थ्यकर्मियों व चिकित्सकों के प्रतिनियोजन को तत्काल प्रभाव से रद्द करते हुए सभी जिलों के डीएम व सीएस को पत्र भेज कर इसके अनुपालन का आदेश दिया है. कटिहार में प्रधान सचिव के आदेश के आलोक में एक्शन भी ले लिया गया लेकिन खगड़िया में अब तक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की नींद नहीं खुली है. लिहाजा प्रधान सचिव के आदेश फाइलों में धूल फांक रहे हैं.
खगड़िया : स्वास्थ्य विभाग में प्रतिनियोजन की मलाई खाने वालों के लिये बुरी खबर है. हाइकोर्ट में दायर याचिका के तहत सुनवाई के दौरान दिये गये निर्देश के आलोक में विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने तत्काल प्रभाव से सरकारी अस्पतालों व कार्यालयों में चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों के प्रतिनियोजन रद्द कर दिया है. उन्होंने सभी जिलों के डीएम व सिविल सर्जन को इसका अनुपालन सुनिश्चित करवाने का निर्देश दिया है. अपने कार्यालय के पत्रांक-2 कोर्ट 31/2016- 1161(2), दिनांक 04-08-16 के तहत भेजे पत्र में प्रधान सचिव श्री महाजन ने हाइकोर्ट में दायर याचिका पर लिये गये संज्ञान का हवाला देते हुए बिना मुख्यालय की अनुमति के जिला स्तर पर की गयी प्रतिनियुक्ति को रद्द कर दिया है. इधर, प्रधान सचिव के पत्र के आलोक में कटिहार के सिविल सर्जन ने कार्रवाई शुरू भी कर दी है लेकिन खगड़िया में प्रधान सचिव के आदेश फाइलों में धूल फांक रहे हैं. लिहाजा अब तक इस दिशा में कार्रवाई शून्य है.
स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन सचिव के पत्रांक 839(2) दिनांक 01.07. 2015 के तहत जिला स्तर पर की गयी सभी प्रकार की प्रतिनियुक्ति को रद्द करने का आदेश दिया था. साथ ही भविष्य में बिना राज्य सरकार की अनुमति के किये गये प्रतिनियोजन को अवैध करार दिया था.
बताया जाता है कि खगड़िया में सचिव के आदेश के इतर दर्जनों स्वास्थ्य कर्मी अभी भी बिना किसी औचित्य के प्रतिनियोजन करवाने में कामयाब रहे हैं. सूत्रों की मानें तो खगड़िया के तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ रासबिहारी सिंह के समय भी प्रतिनियोजन रद्द करने की सुगबुगाहट शुरू हुई थी लेकिन परदे के पीछे खेल के सहारे प्रतिनियोजन की मलाई खा रहे स्वास्थ्यकर्मी इसे ठंडे बस्ते में डलवाने में कामयाब रहे. एक बार फिर प्रधान सचिव के निर्देश के बाद खगड़िया स्वास्थ्य विभाग में प्रतिनियोजन के खेल पर लगाम लगने की संभावना जतायी जा रही है. लेकिन कब तक? यह बताने को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी तैयार नहीं हैं.
हाईकोर्ट के एक्शन के बाद जागा स्वास्थ्य विभाग
पटना उच्च न्यायालय में याचिका संख्या सीडब्लूजेसी (6455/2016) ब्रज भूषण शर्मा बनाम बिहार सरकार एवं अन्य में निर्देश दिये जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली. जिसके बाद प्रधान सचिव श्री महाजन ने सभी आयुक्त, डीएम, क्षेत्रीय स्वास्थ्य उपनिदेशक, सिविल सर्जन को आवश्यक कार्रवाई के लिये पत्र भेजा है.
पत्र में साफतौर पर यह निर्देश दिया गया है कि भविष्य में बिना सरकार की अनुमति प्राप्त किये किसी भी चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी की प्रतिनियुक्ति नहीं किया जाये. अगर प्रतिनियुक्ति की आवश्यकता हो तो पूर्ण औचित्य के साथ विभाग को प्रस्ताव भेजा जाये ताकि उस पर विभाग के स्तर से समुचित निर्णय लिया जा सके. सूत्रों की मानें तो खगड़िया में सदर अस्पताल सहित विभिन्न पीएचसी/कार्यालयों में दर्जनों स्वास्थ्यकर्मी अभी भी प्रतिनियुक्ति पर काम कर रहे हैं.

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