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13 पदाधिकारी से स्पष्टीकरण
जननी बाल सुरक्षा योजना में हेराफेरी के आरोप में घेरे में आये खगड़िया के तीन पूर्व सिविल सर्जन सहित विभाग के 13 पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है. खगड़िया : जननी बाल सुरक्षा योजना में हेराफेरी मामले में जिले के पूर्व तीन सिविल सर्जन सहित 13 स्वास्थ्य पदाधिकारी से राज्य स्तर से जवाब मांगा गया […]
जननी बाल सुरक्षा योजना में हेराफेरी के आरोप में घेरे में आये खगड़िया के तीन पूर्व सिविल सर्जन सहित विभाग के 13 पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
खगड़िया : जननी बाल सुरक्षा योजना में हेराफेरी मामले में जिले के पूर्व तीन सिविल सर्जन सहित 13 स्वास्थ्य पदाधिकारी से राज्य स्तर से जवाब मांगा गया है. सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार राज्य स्वास्थ्य समिति के लोक सूचना पदाधिकारी ने बताया है कि इन अधिकारियों पर पूर्व में ही आरोप गठित कर विभागीय कार्रवाई चल रही है. बताया जाता है कि इनमें कई अधिकारी रिटायर भी कर चुके हैं. लेकिन कार्रवाई की प्रक्रिया अब तक फाइलों में घूम रहे हैं.
2012 में डीएम ने लिया था एक्शन : नियम के विपरीत कार्य करने के आरोप में जिले के तीन पूर्व सीएस सहित स्वास्थ्य विभाग में तैनात 13 अधिकारी के विरूद्व वर्ष 2012 में तत्कालीन डीएम ने राज्य मुख्यालय को रिपोर्ट भेजा था. जिसके आलोक में इन अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई चल रही है.
इन सभी स्वास्थ्य पदाधिकारी के विरूद्व डीएम के रिपोर्ट के आधार पर पहले ही आरोप पत्र गठित किये जा चुके हैं. फिर विभागीय कार्रवाई राज्य स्तर पर संचालित की गई है. राज्य स्वास्थ्य समिति एवं स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक तत्कालीन डीएम के रिपोर्ट बाद वर्ष 2013 में इन सभी स्वास्थ्य पदाधिकारी के विरुद्व कार्रवाई आरंभ की गई. एक आरटीआई के जबाब में स्वास्थ्य विभाग में पदस्थापित अवर सचिव नागेंद्र प्रसाद ने बताया है कि पूर्व सीएस डॉ डीबी शर्मा ने स्पष्टीकरण का जवाब दे दिया है. जिसकी समीक्षा की जा रही है. वही डॉ यूसी मिश्रा से जवाब तलब किया गया है. इसी तरह डॉ जेपी यादव से प्राप्त स्पष्टीकरण पर डीएम से गंतव्य मांगा गया है.
जबकि डॉ. विनय शर्मा के संबंध में भी सीएस से मंतव्य मांगे जाने की जानकारी दी गयी है. स्वास्थ्य विभाग के अवर सचिव के अनुसार डॉ. शौकत कमाल, डॉ. राम नारायण चौधरी से भी गठित आरोप पत्र के आलोक में जवाब मांगा गया है.वहीं आरोप के घेरे में आये डॉ नारायण प्रसाद सिंह का निधन हो गया है.
क्या है पूरा मामला : जननी बाल सुरक्षा योजना के राशि वितरण में इन सभी स्वास्थ्य पदाधिकारी पर नियमों की अनदेखी करने का आरोप है. बताया जाता है कि शिकायतकर्ता नागेन्द्र सिंह त्यागी की शिकायत पर तत्कालीन डीआरडीए निदेशक डॉ एस के पाठक के नेतृत्व में जिला स्तर पर गठित टीम ने पूरे मामले की जांच की थी. जांच में जननी बाल सुरक्षा योजना के लाभुकों को नियम के अनुसार चेक के माध्यम से योजना की राशि का भुगतान करना था. लेकिन खगड़िया में योजना के लाभ का नकद भुगतान कर दिया गया. जिससे पूरे मामले में हेराफेरी की आशंका को देखते हुए श्री त्यागी ने शिकायत किया था.
वर्ष 2016 में पकड़ाया मामला
बीते दिनों तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ रासबिहारी सिंह द्वारा अलौली में सरकारी अस्पतालों के जांच के दौरान जननी बाल सुरक्षा योजना में फर्जीवाड़ा सामने आया था. जिसमें फर्जी प्रसव दिखा कर जननी बाल सुरक्षा में गोलमाल की आशंका को देखते हुए संबंधित स्वास्थ्यकर्मी को निलंबित भी किया गया. साथ ही पूरे प्रखंड में प्रसव के जांच के आदेश दिये गये लेकिन समय बीतने के साथ मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
आरोपी के घेरे में आये अधिकारी
डॉ यू सी मिश्रा : पूर्व सिविल सर्जन
डॉ अजय प्रताप : पूर्व सिविल सर्जन
डॉ दीनबन्धु शर्मा : पूर्व सिविल सर्जन
डॉ पटवर्धन झा : चिकित्सा पदाधिकारी
डॉ रविन्द्र कुमार सिन्हा : चिकित्सा पदाधिकारी
डॉ नारायण प्रसाद सिंह : पदाधिकारी
डॉ महेन्द्र प्रसाद सिंह : पदाधिकारी
डॉ जे पी यादव : चिकित्सा पदाधिकारी
डॉ विनय कुमार शर्मा : पदाधिकारी
डॉ राजेन्द्र प्रसाद साहू : पदाधिकारी
डॉ राम नारायण चौधरी : पदाधिकारी
डॉ अरूण कुमार सिन्हा : पदाधिकारी
डॉ शौकत कमाल : चिकित्सा पदाधिकारी
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