10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चलू-चलू-चलू बहिना हकार पूरय लेय से गूंजा गांव

खगड़िया : चलू-चलू बहिना हकार पूरय लेय, टनी दाय के वर एलय टेमी दागय लय के मधुर मैथिली गीत के साथ मिथिला संस्कृति का महान पर्व मधुश्रावणी पूजा शुक्रवार को सम्पन्न हो गया. लगातार तेरह दिनों तक नवविवाहिता ने श्रद्धा भक्ति के साथ महादेव, गौरी, नाग, नागिन आदि का पूजन किया. प्रति दिन नवविवाहिता शिव […]

खगड़िया : चलू-चलू बहिना हकार पूरय लेय, टनी दाय के वर एलय टेमी दागय लय के मधुर मैथिली गीत के साथ मिथिला संस्कृति का महान पर्व मधुश्रावणी पूजा शुक्रवार को सम्पन्न हो गया. लगातार तेरह दिनों तक नवविवाहिता ने श्रद्धा भक्ति के साथ महादेव, गौरी, नाग, नागिन आदि का पूजन किया. प्रति दिन नवविवाहिता शिव पार्वती, नाग नागिन, बिहुला विषहरी, मैना गौरी, मंगला गौरी, बाल बसंत आदि से जुड़ी कथाओं का श्रवण किया. लगातार तेरह दिनों तक भक्ति का माहौल बना रहा.
टेमी दागने की परंपरा :
शुक्रवार को पूजन काफी विधि विधान तरीके से किया गया. नवविवाहिता को रूई की टेमी से हाथ, घुठना, पैर पर पान के पत्ते रखकर टेमी जलाकर दागा गया.
नवविवाहिता के लिए यह अग्नि परीक्षा अपने पति के दीर्घायु एवं अमर सुहाग की कामना के लिए की जाती है. कुछ बुजुर्ग महिला का मानना है कि टेमी दागने से पति पत्नी में मधुर सम्बन्ध बना रहता हैं.
भाई का विशेष योगदान
इस पूजन में नवविवाहिता के भाई का बहुत ही बड़ा योगदान रहता है. प्रत्येक दिन पूजा समाप्ति के बाद भाई अपनी बहन को हाथ पकड़ कर उठाती हैं. नवविवाहिता अपने भाई को इस कार्य के लिए दुध,फल आदि प्रदान करते हैं.
डालिया वितरित
वहीं नवविवाहिता चौदह सुहागिन महिलाएं के बीच फल एवं पकवानों से भरी डाली प्रसाद के रूप में वितरण कर किया. ससुराल पक्ष के आए हुए बुजुर्ग लोगों से आशीर्वाद प्राप्त कर पूजन का कार्य सम्पन्न किया. इस पूजन में ससुराल पक्ष का विशेष योगदान रहता हैं. मिट्टी के बनाए हुए नाग, नागिन, हाथी आदि कि प्रतिमा एवं पूजन के कार्य में लगे फूल पत्ते का विसर्जन कार्य संध्या में किया गया. उसके बाद नवविवाहिता ने नमक ग्रहण किया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें