राहत. लाभुक बच सकेंगे आर्थिक शोषण से, भाग-दौड़ से मिलेगा छुटकारा
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अब पेंशन की राशि सीधे खाते में
राहत. लाभुक बच सकेंगे आर्थिक शोषण से, भाग-दौड़ से मिलेगा छुटकारा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन योजना, राष्ट्रीय नि:शक्ता पेंशन योजना आिद की रािश अब सीधे लाभुकों के खाते में जायेगी. 60 से 79 आयु वर्ग के लाभुकों को चार सौ रुपये प्रति माह एवं 80 से अधिक आयु […]
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन योजना, राष्ट्रीय नि:शक्ता पेंशन योजना आिद की रािश अब सीधे लाभुकों के खाते में जायेगी. 60 से 79 आयु वर्ग के लाभुकों को चार सौ रुपये प्रति माह एवं 80 से अधिक आयु वर्ग के लाभुकों को पांच सौ रुपये प्रति माह पेंशन मिलने का प्रावधान है.
खगड़िया : मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना व राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना को छोड़कर शेष पेंशन योजना की राशि अब सीधे लाभुकों के खाते में जायेगी. अब इससे बेसहारों की राशि की हकमारी नहीं हो पायेगी. हालांकि इस प्रक्रिया के पूरी होने में एक-दो महीने का समय लग सकता है. लाभुकों के खाते में राशि भेजने के लिए संविदा पर नियोजित कार्यपालक सहायकों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है. खाते में राशि भेजने से लाभुक अब आर्थिक शोषण से बच सकेंगे.
किसे कितनी मिलती है राशि : इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन योजना, लक्ष्मीबाई पेंशन योजना, बिहार नि:शक्ता पेंशन योजना, राष्ट्रीय नि:शक्ता पेंशन योजना के तहत 60 से 79 आयु वर्ग के लाभुकों को चार सौ रुपये प्रति माह व 80 से अधिक आयु वर्ग के लाभुकों को पांच सौ रुपये प्रति माह पेंशन मिलने का प्रावधान है. ऐसे लाभुकों की स्थिति यह है कि अभी भी ये पेंशन के लिए दौड़ लगाते हैं.
पेंशन के लिए लाभुकों को पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर सरकारी बाबुओं के आगे-पीछे करनी पड़ती है. काफी जद्दोजहद के बाद उन्हें पेंशन की राशि मिल पाती है.
कई बार ऐसी भी शिकायत सामने आ चुकी है कि लाभुकों के पेंशन की राशि में हेराफेरी की जाती है, लेकिन अब लाभुकों के खाते में राशि भेजे जाने की सुविधा से उन्हें राहत मिलने की संभावना है. साथ ही अब लाभुकों को किसी को चढ़ावा भी नहीं
देना पड़ेगा.
अब पेंशन की राशि में हकमारी नहीं : अब पेंशन की राशि में हकमारी नहीं हो सकेगी और न ही लाभुकों को सरकारी बाबुओं व पंचायत प्रतिनिधियों के पास चक्कर लगाना पड़ेगा. साथ ही प्रखंड कार्यालय के भाग-दौड़ से छुटकारा मिलेगा. हां, समय-समय पर लाभुकों को यह पता लगाना पड़ेगा कि पेंशन की राशि उपलब्ध है अथवा नहीं. पेंशन की राशि उपलब्ध रहने पर भी अगर राशि लाभुकों के खाते में नहीं भेजी जायेगी तो वे संबंधित पदाधिकारी से न्याय की गुहार लगा सकते हैं.
आवेदनों की स्वीकृति के बाद मिलती है राशि
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन योजना, लक्ष्मीबाई पेंशन योजना, बिहार नि:शक्ता पेंशन योजना, राष्ट्रीय नि:शक्ता पेंशन योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदकों को पहले आरटीपीएस में आवेदन जमा करना पड़ता है. आवेदनों की स्वीकृति मिलने के बाद आवेदक पेंशन के हकदार होते हैं.
कहते हैं बीडीओ
बीडीओ मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि आवंटन के अनुसार लाभुकों को पेंशन की राशि उपलब्ध करायी जाती है. 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लाभुकों को चार सौ रुपये व 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लाभुकों को पांच सौ रुपये प्रति महीने पेंशन मिलता है. अगर कोई बिचौलिया पेंशन के नाम पर राशि की मांग करते हैं तो वे उनकी शिकायत करें. ताकि कार्रवाई की जा सके.
एक से दो महीने का लग सकता है समय
कार्यपालक सहायकों को मिला प्रशिक्षण
अब पेंशन की राशि में नहीं चलेगी हकमारी
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