खगड़िया : वनरोपण अभियान में लगे मजदूरों की लाखों रुपये मजदूरी की हेराफेरी प्रकरण तूल पकड़ने के बाद सोमवार को चुपके से दो महिलाओं को तीन महीने की मजदूरी भुगतान का दांव वन विभाग के अधिकारी उलटा पड़ गया है.
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बकाया मजदूरी दिलाने के लिए डीएम दरबार पहुंचे पीड़ित
खगड़िया : वनरोपण अभियान में लगे मजदूरों की लाखों रुपये मजदूरी की हेराफेरी प्रकरण तूल पकड़ने के बाद सोमवार को चुपके से दो महिलाओं को तीन महीने की मजदूरी भुगतान का दांव वन विभाग के अधिकारी उलटा पड़ गया है. पीड़ित वन श्रमिकों ने डीएम व एसडीओ को आवेदन देकर पूरी बकाया मजदूरी दिलाने की […]
पीड़ित वन श्रमिकों ने डीएम व एसडीओ को आवेदन देकर पूरी बकाया मजदूरी दिलाने की गुहार लगायी गयी है. बताया जाता है कि बकाया मजदूरी का मामला दबाने के लिये आनन-फानन में तीन दिन पहले हुए आंदोलन का नेतृत्व कर रही दो महिलाओं को चुपके से तीन महीने की बकाया मजदूरी के रुप में 20900 रुपये की दर से भुगतान कर दिया गया.
तीन महीने का मजदूरी लेने वाली महिला मजदूरों ने बताया कि उनका सात महीने का बकाया है. लेकिन तीन महीने का ही दिया गया है. बता दें कि सदर प्रखंड में वनरोपण अभियान को सफल बनाने के लिये 14 मजदूरों को तीन वर्ष के लिये रखा गया था. लेकिन वन श्रमिकों ने मजदूरी नहीं देने का आरोप लगाते हुए बीते दिनों वन विभाग के रेंजर का घेराव कर प्रदर्शन किया था.
वन श्रमिकों ने रेंजर पर लगाये गंभीर आरोप
डीएम को दिये आवेदन में वन श्रमिकों ने रेंजर अभय कमार सिन्हा पर कार्रवाई की मांग की है. वन श्रमिकों ने कहा है कि बकाया मजदूरी भुगतान के लिये कई बार वन विभाग के अधिकारियों को आवेदन देकर गुहार लगायी गयी लेकिन अनसुना कर दिया गया.
पीड़ित महिला मजदूरों ने कहा है कि जब भी बकाया मजदूरी की मांग की जाती है तो रेंजर श्री सिन्हा गंदी गंदी बात करते हुए भगा देते हैं. इतना ही नहीं वन विभाग के रेंजर व लिपिक कहते हैं ज्यादा बकाया मजदूरी की मांग करने पर काम पर नहीं रखा जायेगा.
डीएम-एसडीओ को दिया गया आवेदन
वनरोपण अभियान को सफल बनाने के लिये सदर प्रखंड में वन विभाग द्वारा 6600 रुपये प्रति महीने मजदूरी पर 14 मजदूरों को तीन वर्ष के लिये रखा गया था. लेकिन मजदूरी भुगतान करने में जानबुझ कर आनाकारी किये जाने को देखते हुए महिला-पुरुष मजदूरों ने रेंजर का घेराव कर प्रदर्शन किया था.
मामला तूल पकड़ते देख सोमवार को मात्र दो महिलाओं को सात महीने बकाया में से तीन-तीन महीने की मजदूरी के रुप में कुल 20900 की दर से भुगतान किया गया है. सात महीने बकाया में तीन महीने का देकर रेंजर बाकी राशि का गटकना चाह रहे हैं. इसकी शिकायत डीएम-एसडीओ को आवेदन देकर की गयी है. जल्द ही सभी मजदूरों की बकाया मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया तो आंदोलन को मजबूर होना पड़ेगा.
पीड़ित वन श्रमिक.
दो महिलाओं को तीन महीने की मजदूरी का हुआ भुगतान : रेंजर
वनरोपण अभियान में लगी दो महिला मजदूरों को तीन महीने बकाया मजदूरी का भुगतान सोमवार को कर दिया गया है. अब किसी भी महिला या पुरुष वनश्रमिकों का एक भी रुपया बकाया नहीं है.
अभय कुमार सिन्हा, वन विभाग रेंजर
मजदूरी नहीं मिली, तो कैसे चलेगा परिवार का पेट
पीड़ित वन श्रमिकों ने कहा कि वे लोग दिनरात मेहनत करके वनरोपण अभियान को सफल बनाये हैं. लेकिन अब मजदूरी देने में आनाकानी की जा रही है. अगर मजदूरी नहीं मिली तो मजदूरों को परिवार का भरण पोषण का संकट उत्पन्न हो सकता है.
पीड़ित मजदूरों ने डीएम से बकाया मजदूरी का भुगतान करवाने सहित जल-जीवन हरियाली अभियान में काम देने का अनुरोध किया है. साथ ही गरीबों की मजदूरी डकारने वाले रेंजर व लिपिक पर कार्रवाई की मांग की गयी है. इधर, रेंजर व लिपिक ने वनश्रमिकों द्वारा लगाये जा रहे सभी आरोपों को बेबुनियाद व झूठा करार दिया है.
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