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बूते से बाहर है आरोपित पर कार्रवाई

सड़क निर्माण में धांधली. दोषी पर सख्ती से डर रहे कार्यपालक अभियंता स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता उमेश प्रसाद ने कहा है कि तेलिहार में घटिया सड़क निर्माण में आरोपित विभागीय अभियंता पर अगर कार्रवाई करेंगे तो मेरा ही ट्रांसफर हो जायेगा. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कार्यपालक अभियंता पर किसका […]

सड़क निर्माण में धांधली. दोषी पर सख्ती से डर रहे कार्यपालक अभियंता

स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता उमेश प्रसाद ने कहा है कि तेलिहार में घटिया सड़क निर्माण में आरोपित विभागीय अभियंता पर अगर कार्रवाई करेंगे तो मेरा ही ट्रांसफर हो जायेगा. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कार्यपालक अभियंता पर किसका दबाव है?
खगड़िया : नीय क्षेत्र अभियंत्रण विभाग में भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि योजना में गड़बड़ी के आरोपित कनीय अभियंता पर कार्रवाई करने में कार्यपालक अभियंता के हाथ-पांव कांप रहे हैं. स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तेलिहार में घटिया सड़क निर्माण मामले में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा कार्रवाई करने के आदेश के बाद भी आरोपित कनीय अभियंता, सहायक अभियंता व संवेदक पर कार्रवाई नहीं किया जा रहा है.
स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता की बेबसी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कार्रवाई के बावत पूछने पर उन्होंने कहा कि अगर आरोपित इंजीनियरों पर कार्रवाई करेंगे तो मेरा ही ट्रांसफर हो जायेगा. काफी कुरेदने पर कार्यपालक अभियंता ने कहा कि मेरे पर कार्रवाई नहीं करने का दबाव है. जब उनसे दबाव देने वाले का नाम पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नाम बता कर हमें फंसना है क्या? ऐसे में सवाल उठता है कि घटिया सड़क निर्माण कर सरकारी राशि के बंदरबांट मामले में कार्रवाई नहीं करने के लिये कार्यपालक अभियंता पर कौन दबाव दे रहा है? किसी के दबाव में स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण विभाग में भ्रष्टाचार के मामले में परदा डालने का खेल कब से चल रहा है?
दबाव है या कुछ और …
अगर कार्यपालक अभियंता ने दबाव के बारे में डीएम या फिर वरीय अधिकारियों को क्यों नहीं सूचित किया? कहीं ये सब बातें कार्रवाई नहीं करने का बहाना तो नहीं? ऐसे कई सवाल हैं जो स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन के कामकाज में भ्रष्टाचार के हावी रहने की ओर इशारा कर रहा है. जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने भी माना है कि विभागीय अभियंताओं की मिलीभगत से तेलिहार में सड़क निर्माण में गड़बड़ी की गयी है. बताया जाता है कि विभागीय इंजीनियरों, अधिकारियों व संवेदक की मिलीभगत से खगड़िया में चल रही सड़क निर्माण की योजनाओं में भ्रष्टाचार हावी हो गया है. एसी में बैठकर एमबी बुक करने वाले इंजीनियरों को स्थलीय निरीक्षण की फुरसत नहीं है. लिहाजा, घटिया निर्माण कर ठेकेदार मालामाल हो रहे हैं. वहीं पीसी के खेल में सरकारी योजनाओं की राशि का बंदरबांट धड़ल्ले से जारी है.
क्या है पूरा मामला
बेलदौर प्रखंड के तेलिहार गांव में करीब 20 महीने पूर्व स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन की योजना से करीब 10 लाख की लागत से सड़क निर्माण करवाया गया. लेकिन बनने के साथ ही सड़क टूटने लगी. वर्तमान में यह सड़क जर्जर हो चुकी है. जगह जगह बने गड्ढे योजना में भ्रष्टाचार की पोल खोलने के लिये काफी हैं. पूरे मामले की शिकायत जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में किये जाने के बाद सुनवाई के दौरान पूरे खेल पर से परदा हटा.
पूरे मामले में स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता, अभिकर्ता सह सहायक अभियंता मनोज कुमार, बिना स्थलीय निरीक्षण के एमबी बुक करने वाले कनीय अभियंता विनोद कुमार की भूमिका सवालों के घेरे में आने के बाद कार्रवाई का आदेश दिया गया, लेकिन कार्यपालक अभियंता ने कार्रवाई करने से हाथ खड़े कर लिये हैं. इधर, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी विजय कुमार सिंह ने गड़बड़ी में शामिल अभियंताओं पर कार्रवाई का निर्देश दिया है. लेकिन विभागीय अधिकारी दोषी अभियंताओं को बचाने में लगे हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
तेलिहार में 20 महीने पूर्व बनायी गयी सड़क जर्जर होने के मामले में आरोप के घेरे में आये विभागीय अभियंता पर कार्रवाई करेंगे तो मेरा ही ट्रांसफर हो जायेगा. मेरे ऊपर कार्रवाई नहीं करने का दबाव है. इसलिये इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं बोलेंगे. जर्जर सड़क के मरम्मती के आदेश दिये गये हैं.
उमेश प्रसाद, कार्यपालक अभियंता
स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता द्वारा यह कहना कि अगर आरोपित अभियंता पर कार्रवाई करेंगे तो मेरा ही तबादला हो जायेगा. सरकारी योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोलने के लिये काफी है. आखिर कार्यपालक अभियंता पर बेइमान अभियंताओं पर कार्रवाई नहीं करने के लिये कौन दबाव बना रहा है? दरअसल, पीसी के फेर में सड़क निर्माण सहित सरकारी योजनाओं का बुरा हाल है. काम होता नहीं लेकिन राशि निकासी हो जाती है. कई मामले में तो बिना काम किये ही राशि उठा कर संवेदक मौज कर रहे हैं.
कुमारी श्वेता भारती, जिला परिषद अध्यक्ष
जर्जर हुआ सड़क
मामला विभागीय अभियंताओं व अधिकारियों की मिलीभगत से लाखों रुपये की लागत से सड़क निर्माण में धांधली का
घटिया सामग्री का उपयोग कर बेलदौर प्रखंड के तेलिहार में 20 महीने पहले बनायी गयी सड़क हो गयी जर्जर
जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने सुनवाई के दौरान तत्कालीन अभियंताओं की लापरवाही उजागर
घटिया सड़क निर्माण मामले में तत्कालीन विभाग के कार्यपालक अभियंता, जेइ व एइ की भूमिका सवालों के घेरे में
स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन के अधीन संचालित सड़क निर्माण सहित अन्य योजनाओं में भ्रष्टाचार का बोलबाला

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