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नहीं थम रहा बाल सुधार गृह से बच्चों के फरार होने का सिलसिला

नहीं थम रहा बाल सुधार गृह से बच्चों के फरार होने का सिलसिला

– सुरक्षा व्यवस्था में बरती जा रही घोर लापरवाही – जिला प्रशासन भी बाल सुधार गृह की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने में हो रही विफल कटिहार प्रखंड कार्यालय के समीप बने बृहत आश्रय गृह से बच्चों के भागने की सिलसिला लगातार जारी है. घटना से भी जिला प्रशासन सबक नहीं ले रही है. बाल सुधार गृह में बार-बार इस प्रकार की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिए हैं. आखिर प्रशासन ने किस प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था बहाल की है कि बाल सुधार गृह से बच्चों के भागने का सिलसिला थम ही नहीं रहा है. बताते चले के बाल सुधार गृह के यूनिट एक से बीते रात्रि तकरीबन 2:30 बजे गेट का ताला तोड़कर, चाहर दिवारी कूद कर पांच नाबालिग बच्चे फरार हो गये. हालांकि इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांचों बच्चों को बरामद कर लिया है. लेकिन इस अव्यवस्था के बीच क्या यह कहा जा सकता है कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होगी. क्योंकि बीते कुछ महीने की बात की जाए तो इस दौरान बृहद आश्रय गृह से तकरीबन 16 बच्चे भाग चुके हैं. जिसमें अधिकांशत बरामद कर लिया गया है, लेकिन उक्त मामले मे कुछ बच्चे अब भी लापता है. पांच लड़की सहित 16 बच्चे बाल सुधार गृह से अब तक हुए फरार बीते एक दो महिनों की बात की जाय तो इस दौरान बाल सुधार गृह से तकरीबन 16 बच्चे फरार हो चुके हैं. जिसमें अधिकांशत बच्चों को पुलिस ने बरामद कर लिया. बीते महीने पूर्व एक साथ पांच नाबालिग लड़की सुधार गृह से फरार हो गयी थी. इस घटना के दो दिन बाद ही गेट का ताला तोड़कर छह लड़का फरार हो गया था. जबकि बीती रात्रि पांच लडका गेट का ताला तोड़कर चाहर दीवारी कूद कर पांच लडका फरार हो गया. यानी सीधे तौर पर यह कहा जा सकता है कि बाल सुधार गृह की सुरक्षा व्यवस्था बेहतर करने में जिला प्रशासन विफल साबित हो रही है. प्रशासन की चूक से हो सकती है बड़ी घटनाएं जिस प्रकार सीमांचल के क्षेत्र में मानव तस्करी की घटना पुरजोर पर है. ऐसे में बाल सुधार गृह से फरार बच्चे कभी भी मानव तस्करों के हाथ चढ़ सकते हैं. ऐसे में जिला प्रशासन को बाल सुधार गृह की अभिरक्षा में मौजूद बच्चों के परिजनों को जवाब देने में जिला प्रशासन की पसीने छूट जायेंगे. बीते महीने पूर्व बाल सुधार गृह से पांच लडकी भाग गई थी. अगर वह लड़की मानव तस्करों के हाथ चढ़ जाती तो उसका हर्ष क्या होता. ऐसे में आवश्यक है कि प्रशासन बाल सुधार गृह की सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करें ताकि इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति ना हो सके और प्रशासन मामले में मुकदर्शक ना बनी रहे.

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