आजमनगर प्रखंड क्षेत्र के आजमनगर व आलमपुर दियारा क्षेत्र में हजारों एकड़ जमीन पर किसानों ने मक्का की खेती की है. पिछले कुछ वर्षों में यहां के किसान मक्का की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. फसल की अधिक लाभकारी प्रकृति और बेहतर बाजार मूल्य है. पहले जहां किसान मुख्य रूप से धान, गेहूं, सरसों आदि की खेती करते थे. अब मक्का की खेती ने उनकी आय में वृद्धि करने का नया रास्ता खोल दिया है. आजमनगर प्रखंड क्षेत्र के लगभग हजारों एकड़ जमीन पर मक्का की खेती जारी है. कटिहार जिला के कृषक आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रयोग कर उन्नत किस्मों के मक्का की बुआई कर रहे हैं. उत्पादन काफी बढ़ गई है. सिंचाई के बेहतर साधनों के साथ ही उपयुक्त उर्वरक और कीट नियंत्रण के उपाय करने से फसल की गुणवत्ता में सुधार होता दिख रहा है. इसके अलावा मक्का की मौसम के अनुसार बढ़ती मांग को देखते हुए किसानों ने इसे प्राथमिकता दी है. मक्का की खेती न केवल किसानों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित हो रही है. बल्कि इससे स्थानीय कृषि व्यवस्था में भी सुधार आने लगी है. मक्का की फसल जल्दी तैयार होने के कारण किसान इसे धान और गेंहू के बीच दूसरी फसल के रूप में भी उगा रहे हैं. इससे उनकी साल भर की आय में वृद्धि होती है. खाद्य सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है. सरकारी योजनाओं से भी किसानों को मक्का की खेती में मदद मिल रही है. प्रशिक्षण कार्यक्रम बीज वितरण और कृषि वित्तीय सहायता से किसानों का विश्वास बढ़ रहा है. किसानों नासिर हुसैन, मंसूर आलम, नाहिद आलम, तालिब हुसैन, कासिम, अनन्त राय, बच्चन सिंह, अजय कुमार सिंह एवं अन्य किसानों ने हर्ष जाहिर करते हुए कहा है कि इस बार सभी किसान भाइयों ने मक्का की खेती में बढ़ोतरी की है. जिसके कारण क्षेत्र में मक्का को लेकर व्यवसाय में बढ़ोतरी हो सकता है.
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