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कछुए की चाल से शहर में 220 करोड़ की लागत से हो रहा स्टाॅर्म वाटर ड्रेनेज निर्माण

कछुए की चाल से शहर में 220 करोड़ की लागत से हो रहा स्टाॅर्म वाटर ड्रेनेज निर्माण

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– गति में रफ्तार नहीं लाने पर पांच साल के बाद भी नहीं बन पायेगा ड्रेनेज – बरसात में शहरवासी इस वर्ष भी जलजमाव की समस्या से होंगे परेशान – प्रथम चरण के तहत 12 किलोमीटर में महज 9 किलोमीटर कार्य हुआ है पूरा – बुडको अतिक्रमण का रो रहा रोना, नगर निगम प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान कटिहार जलजमाव से छुटकारा दिलाने वाला 220 करोड़ से बनने वाले स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज निर्माण कार्य कछुए की चाल की तरह हो रहा है. इसी तरह से निर्माण कार्य की गति रही तो पांच वर्ष पूरा होने के बाद भी कार्य पूरा नहीं हो पायेगा. ऐसा शहरवासियों का कहना है. तीन चरणों में बनने वाले स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज निर्माण कुल 25 किलोमीटर होना है. लेकिन विभाग की मनमानी व कार्य में लापरवाही के कारण प्रथम फेज के तहत बनने वाली 12 किलोमीटर की जगह महज नौ किलोमीटर मुख्य नाला का निर्माण हाे पाया है. ब्रांच नाला निर्माण कार्य अब तक शुरू तक नहीं किया गया है. जिसका नतीजा है कि बरसात की मौसम में शहर में लगने वाली जलजमाव की समस्या को याद कर शहरवासी अभी से सिहर जा रहे हैं. शहर के प्रबुद्धजनों का कहना है कि 2022 में शहर को जलजमाव से मुक्ति दिलाने के लिए पूर्व उपमुख्यमंत्री सह सदर विधायक तारकिशोर प्रसाद के प्रयास से 220 करोड़ की योजना लाया गया था. कार्य की शुरूआत की तिथि 2022 जून निर्धारित था. हालांकि विभाग के पदाधिकारियों का कहना है कि ए्रप्रूवल, डिजाइन कार्य समय पर पूरा नहीं होने की वजह से एक साल विलम्ब से शुरू किया गया. इस कार्य को तीन वर्ष यानी मई 2025 में पूरा कर लेना था. कार्य एजेंसी बुडको की ओर किया जा रहा है. शहर के लोगों का कहना है कि हल्की बारिश में भी शहर के कई वार्ड में व सड़काें पर जलजमाव की समस्या से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस वर्ष भी कार्य पूरा नहीं होने की स्थिति में जलजमाव की समस्या से त्रस्त होना पड़ सकता है. प्रथम चरण के तहत तीन डीपीएस एनओसी के चक्कर में अटका बुडको के अभियंता का कहना है कि प्रथम चरण के तहत ड्रेनेज का निर्माण मुख्य नाले के तौर पर 12 किलोमीटर होना है. अधिक कार्य को पूरा करा लिया गया है. कार्य पूरा करने के पीछे अतिक्रमण बाधा आ रहा है. नगर निगम से लेकर जिला प्रशासन तक को इसकी शिकायत की गयी. लेकिन आज तक अतिक्रमणकारियों को हटाये नहीं जाने की वजह से कार्य में देरी हो रही है. साथ ही तीन डीपीएस में दो डीपीएस एनओसी नहीं मिलने के कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है. जिसमें दुर्गास्थान और डीएस कॉलेज में बनने वाले डीपीएस का एनओसी शेष रह गया है. तय समय पर कार्य होना मुश्किल तय समय पर स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज निर्माण कार्य पूरा होना संभव नहीं लग रहा है. ऐसा इसलिए कि विभाग द्वारा एग्रीमेंट 2022 को किया गया. लेकिन डिजाइन व एप्रूभल में देरी होने के कारण करीब एक वर्ष कार्य शुरू किया गया. अतिक्रमणकारियों की वजह से कार्य में परेशानी उत्पन्न होती है. बावजूद प्रथम चरण के तहत मुख्य नाला 12 किलोमीटर में 9 किलोमीटर तक निर्माण हो चुका है. विकास कुमार, परियोजना निदेशक, बुडको

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