बरारी काढ़ागोला गंगा घाट किसी के परिचय का मोहताज नहीं है. लेकिन जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक निष्क्रियता का शिकार अवश्य है. गंगा दार्जलिंग सड़क काढागोला घाट से वर्तमान में गंगा नदी का किनार करीब डेढ़ किमी दूर आगे चला है. गंगा स्नान एक शवदाह करने में लोगों को कई तरह की परेशानी उठानी पड़ रही है. शमशान घाट पर ना तो शेड हैं ना हीं शमशान घाट की उचित व्यवस्था है. ऐसे में शवदाह करने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. तेज चिलचिलाती धूप में लू वाली तेज हवा में दुःखी में परिजन एवं रिश्तेदार को शवदाह में घोर परेशानी उठानी पड़ रही है. शवदाह गृह एवं सामुदायिक हॉल बैकुंठ धाम भवन एवं शेड की सांसद, एमएलसी, विधायक एवं जिला परिषद योजना से करा दी जाय तो दर्जनों प्रखंडों के लोगों को शवदाह कार्य में सहुलियत होगी. ग्रामीणों ने सभी का ध्यान आकृष्ट कराया है.
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