मंडल कारा कटिहार में लाफिंग बुद्धा नागेश्वर दास का प्रेरक सत्र का आयोजन – हंसी से बदलती है सोच कटिहार लाफिंग बुद्धा सामाजिक ट्रस्ट के प्रणेता नागेश्वर दास, जिन्हें देश- दुनिया में लाफिंग बुद्धा के नाम से जाना जाता है. उन्होंने शनिवार को मंडल कारा में कैदियों के बीच एक विशेष सत्र का आयोजन किया. जिसमें हृदय परिवर्तन व सकारात्मक जीवनशैली पर आधारित बातें रखी. कार्यक्रम के दौरान कैदियों को संबोधित करते हुए कहा कि एक बार दिल खोलकर हंस लेने से मन हल्का होता है. सोच सकारात्मक बनती है और मनुष्य स्वभाव से अधिक क्षमाशील हो जाता है. उन्होंने बताया कि हंसी किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे सहज और प्रभावी दवा है. जो तनाव, अवसाद और नकारात्मकता को तुरंत दूर करने की क्षमता रखती है. इसके साथ ही उन्होंने हंसी और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े कई प्रेरक सूत्र साझा किया. जिनमें हंसी प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाती है. हंसी दिल और दिमाग को स्वस्थ रखती है. हंसता हुआ इंसान अधिक संवेदनशील और क्षमाशील बनता है. हंसी रिश्तों में मिठास और जीवन में संतुलन लाती है. उनके हर बिंदु पर कैदियों ने खुलकर ठहाके लगाये. जिससे पूरा कारा परिसर सकारात्मक ऊर्जा से भर उठा. कार्यक्रम में जेल अधीक्षक उदय कुमार, जेलर सरवर इमाम सहित अन्य अधिकारियों की उपस्थिति रही. सभी अधिकारियों ने लाफिंग बुद्धा नागेश्वर दास के इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे प्रेरक कार्यक्रम कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वास के लिए अत्यंत लाभकारी हैं. कार्यक्रम के अंत में पूरे मंडल कारा में सामूहिक रूप से हंसने की गूंज ने यह संदेश दिया कि हंसना केवल खुशी नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक सुंदर कला है.
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