बलिया बेलौन बलिया बेलौन व सालमारी थाना क्षेत्र के बहरखाल, मीनापुर से सनकतरा, आलापोखर, मंझोक, जीतवारपुर, गमहारगाछी, रतनपुर, शिकारपुर आदि जगहों में महानंदा नदी किनारे अवैध खनन माफिया के लिए सुरक्षित जगह बन गया है. बलिया बेलौन व सालमारी थानाक्षेत्र में यह धंधा इन दिनों बेरोकटोक फलफूल रहा है. इसके अलावा जहां कहीं नदी किनारे खाली पड़ी जमीन पर माफिया की नजर परती है. वहां खनन कर मिट्टी एवं रेत को बेच कर मोटी कमाई की जा रही है. लोगों का कहना है कि अगर इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो आगे बुरा परिणाम देखने को मिलेगा. क्षेत्र के शिकारपुर, झौआ पुल के समीप, गमहारगाछी, शेखपुरा, रतनपुर, महीनगर, बेनी जलालपुर, रैयापुर, मुकुरिया आदि जगहों पर लोग धड़ल्ले से मिट्टी की कटाई का धंधा कर रहे है. जिस पर ना तो विभाग की नजरें इनायत होती है और ना हीं स्थानीय प्रशासन का कोई अंकुश है. इन दिनों धड़ल्ले से नदी किनारे मिट्टी कटाई का धंधा फल फूल रहा है. कई लोग जेसीबी के माध्यम से मिट्टी काट कर ट्रैक्टर ट्राली के माध्यम से ढुलाई करते हैं. कहीं कहीं कुदाल से टेलर भर कर इस गोरखधंधे को किया जा रहा है. अवैध खनन का धंधा रात के अंधेरे में भी होने की जानकारी ग्रामीणों ने दी है. रात भर सडकों पर ट्रैक्टर का शोर सुनाई देता है. क्षेत्र में मिट्टी की बढ़ी मांग को देखते हुए नदी किनारे की मिट्टी की धड़ल्ले से कटाई कर बिक्री की जा रही है. प्रावधान के तहत लोग निजी जमीन से भी तीन फीट से अधिक मिट्टी की कटाई नहीं कर सकते हैं. जबकि क्षेत्र के उक्त जगहों पर मिट्टी कटाई में प्रावधानों का घोर उल्लंघन किया जा रहा है. जानकारों का कहना है कि अवैध मिट्टी कटाई से जहां सैकड़ों एकड़ भूमि बंजर होती जा रही है. वहीं बाढ़ के समय नदी कटाव का दायरा बढ़ेगा. इसके साथ मिट्टी कटाई से बन रहा गढ्ढा बाढ़ में मौत का गढ्ढा साबित होगा. लेकिन इसे रोकने की दिशा में विभागीय पहल नहीं हो रही है. ग्रामीणों ने अवैध खनन के मामले में जिला पदाधिकारी से संज्ञान में लेने की मांग की है,
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