बलिया बेलौन एसएच -98 कटिहार-सौनेली, सालमारी होते हुए बारसोई से बलरामपुर तक सड़क निर्माण के लिए प्रत्येक दिन दर्जनों हाइवा ट्रकों से महानंदा नदी किनारे से मिट्टी खनन कर सौनेली, डंडखोरा, बारसोई, बलरामपुर तक सप्लाई की जा रही है. मुखिया संघ अध्यक्ष मेराज आलम, बेनी जलालपुर मुखिया प्रतिनिधि नाहीद आलम ने कहा की बड़े प्रोजेक्ट के लिए मिट्टी खनन में माइनिंग विभाग द्वारा कुछ छुट दी जाती है. महानंदा का झोआ क्षेत्र संवेदक के लिए सोना उगल रही है. केवल झोआ क्षेत्र से मिट्टी खनन कर बलरामपुर, डंडखोरा तक ले जाया जा रहा है. इस क्षेत्र से अधिक मिट्टी खनन किये जाने से महानंदा के किनारे किनारे परवल, करेला, खीरा, तरबुज, ककड़ी के साथ साथ मक्का की खेती प्रभावित होने से किसान परेशान हैं. क्षेत्र के लोगों ने संभावना व्यक्त किया है कि मिट्टी खनन अधिक होने से बाढ के समय महानंदा की धारा में परिवर्तन होने का डर लगा है. एक ही स्थान से अधिक मात्रा में मिट्टी खनन करना माइनिंग विभाग के नियमावली के विरूद्ध है. सालमारी, बलिया बेलौन, शेखपुरा, शिकारपुर, भौनगर, बेनी जलालपुर, कदवा, आजमनगर क्षेत्र से होकर गुजरने वाली महानंदा नदी की कोख से रात के अंधेरे में भी जेसीबी लगाकर हाइवा द्वारा सफेद बालू का खनन किया जा रहा है. मिट्टी खनन से खेतीहर भूमि के बर्बाद एवं महानंदा में जलस्तर बढ़ने के साथ आने वाले समय में तटबंध पर खतरा बढ़ने का भय है. मिट्टी भरा ट्रकों और हाइवा के सड़क से गुजरते समय आमलोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. सूत्र का दावा है कि इस तरह के मिट्टी खनन में मोटी रकम की वसूली होती है. इसलिए कोई कार्रवाई नहीं होती है. लोगों ने महानंदा नदी का झोआ क्षेत्र में मिट्टी खनन की जांच कर उचित कार्रवाई करने की मांग जिला पदाधिकारी से की है.
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