कुरसेला मौसम के बदले तेवर से क्षेत्र में ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. सुबह शाम ठंड की कनकनी बढ़ गयी है. मानव सहित पशु, पक्षी ठंड के बढ़ते असर से ठिठुराने लगे है. शाम ढलते ही लोग घरों में दुबकने लगे है. बाजार में गर्म कपड़ों की बिक्री बढ़ गयी है. गर्म कपड़ों के लिए बजार में कई दुकानें खुल गयी है. आवश्यकता और सामर्थ के अनुसार लोग गर्म कपड़ों की खरीदारी कर रहे हैं. धूप निकलने से कुछ घंटों के लिए ठंड से लोगों को राहत मिल रही है. कुहासा और ठंड से सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम पड़ गयी है. जनमानस की दिनचर्या चरमरा गयी है. सुबह घरों से निकलना कष्टदायी हो रहा है. शाम ढलते ही हाट बाजार की भीड़ कम हो रही है. आने वाले दिनों में ठंड का असर अधिक बढ़ सकता है. पूस माह के प्रवेश होते ही तापमान का पारा नीचे गिरने लगा है. पशुओं के लिए ठंड का असर पीड़ादायी बनने लगा है. ग्रामीण क्षेत्र में ठंड ने खेती बारी पशुपालन कार्य को प्रभावित किया है. आर्थिक रुप से लचर गरीबों के लिए ठंड का असर कष्टदायी बन रहा है. शाम ढलने पर लोग घरों में दुबकने को विवश हो रहे हैं.
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