कटिहार. अक्षय तृतीया का पर्व बुधवार को मनाया गया. अक्षय तृतीया को अखा तीज भी कहा जाता है. इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों उच्च राशि में स्थित होते हैं. इसलिए इस दिन सोना खरीदना या नई चीजों में निवेश करना बहुत शुभ माना गया है. इसे लोगों ने बखूबी निभाया. लोगों ने शुभ मुहूर्त पर खास करके सोने की जमकर खरीदारी की. इस दिन भगवान विष्णु व लक्ष्मी की पूजा का महत्व है. लोगों ने पूरे विधि विधान के साथ भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की. भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी की आराधना कर उन्हें तुलसी के पत्तों के साथ भोग लगाया गया. भगवान की धूप-बत्ती से श्रद्धालुओं ने आरती भी की. हिंदू धर्म में वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया को विशेष महत्व बताया गया है. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन किए गए शुभ व धार्मिक कार्यों के अक्षय फल मिलते हैं. इस दिन सूर्य व चंद्रमा दोनों ही अपनी उच्च राशि वृषभ में होते हैं. इसलिए दोनों की सम्मिलित कृपा का फल अक्षय हो जाता है. अक्षय का अर्थ होता है जिसका क्षय न हो. माना जाता है कि इस तिथि को किए हुए कार्यों के परिणाम का क्षय नहीं होता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन परशुराम, नर-नारायण का अवतार हुआ था. इसी दिन से बद्रीनाथ के कपाट भी खुलते हैं. इसी दिन वृंदावन में भगवान बांके बिहारी के चरणों के दर्शन होते हैं. इस दिन सोना खरीदना सबसे शुभ होता है. इससे धन की प्राप्ति भी होती है. दान का अक्षय बना रहता है. इसी मान्यता के आधार पर लोगों ने बुधवार को अक्षय तृतीया के अवसर पर जमकर खरीदारी भी की. शहर के बाटा चौक स्थित लक्ष्मी ज्वेलर्स, एमजी रोड स्थित गोपाल सोनी ज्वेलर्स तथा शहर के पानी टंकी चौक न्यू करणी ज्वेलर्स, मिरचाईबाड़ी स्थित तनिष्क शोरूम में खासकर सोना की खरीदारी को लेकर लोगों की भीड़ लगी रही.
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