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पहली बार स्नातक में नामांकन को बिहार के छात्राें को नामांकन में आरक्षण व शुल्क का मिलेगा लाभ

पहली बार स्नातक में नामांकन को बिहार के छात्राें को नामांकन में आरक्षण व शुल्क का मिलेगा लाभ

– पारदर्शिता बरतने को लेकर कॉलेज स्तर पर बनाया गया नामांकन व शैक्षणिक आलेख सत्यापन प्रकोष्ठ – प्राचार्य अध्यक्ष एक नोडल पदाधिकारी के साथ तीन होंगे सदस्य प्रतिनिधि, कटिहार चार वर्षीय आठ सेमेस्टर सीबीसीएस अंडर ग्रेजुएट स्नातक पाठ्यक्रम सत्र 2025-29 में नामांकन प्रक्रिया को पारदर्शी एवं सरल बनाये रखने के लिए विवि पीयू द्वारा क्षेत्रान्तर्गत कॉलेजों को आवश्यक निर्देश दिया गया है. जिसमें महाविद्यालय में एक पांच सदस्यीय नामांकन व शैक्षणिक आलेख सत्यापन प्रकोष्ठ का गठन अनिवार्य किया गया है. पीयू के निर्देश पर जिले के सभी महाविद्यालयों में पांच सदस्यीय नामांकन एवं शैक्षणिक आलेख सत्यापन प्रकोष्ठ का गठन किया जा रहा है. इसी क्रम में 14 जून को डीएस कॉलेज में इसका गठन किया गया. जिसमें डॉ संजय कुमार सिंह प्राचार्य डीएस कॉलेज के अध्यक्ष, डॉ सुमित सिंहा को नोडल पदाधिकारी एवं सदस्यों में डॉ पंकज कुमार, डॉ सउद आलम एवं डॉ स्वामीनंदन को शामिल किया गया है. नामांकन को लेकर समर्थ पोर्टल पर अभ्यर्थी अपना ऑनलाइन आवेदन 14 से 23 जून तक करेंगे. जिसके बाद समर्थ पोर्टल के चयन पर महाविद्यालयों में उसी छात्र-छात्राओं की सूची भेजी जायेगी. जिस महाविद्यालय में सम्बंधित विषय की पढ़ाई के लिए राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त है. महाविद्यालय में सम्पूर्ण नामांकन प्रक्रिया नामांकन व शैक्षणिक आलेख सत्यापन प्रकोष्ठ के अधीन रहेगी. नामांकन में किसी भी प्रकार की अनियमितता की जवाबदेही प्रकोष्ठ की होगी. महाविद्यालय में नामांकित छात्रों की वैधता की जिम्मेवारी महाविद्यालयों की रहेगी. नामांकन सिर्फ ऑनलाइन माध्यम से ही लिये जाने के लिए आदेश दिया गया है. किसी भी परिस्थिति में ऑफलाइन नामांकन न लिये जाने के आदेश दिये गये हैं. यदि किसी कर्मचारी, शिक्षक की मिली भगत से बिना मेधा सूची में आये विद्यार्थी का नामांकन महाविद्यालय द्वारा लिया गया तो इसे अति गंभीर श्रेणी में मानते हुए आवश्यक विधिसम्मत कार्रवाई की जायेगी. विवि द्वारा जारी निदेशिका में स्पष्ट कर दिया गया है कि आरक्षण और फीस में छूट का लाभ केवल बिहार के विद्यार्थियों को ही मिलेगा. अर्थात बिहार सरकार के कार्यालय से निर्गत प्रमाण पत्र को ही आरक्षण का आधार माना जायेगा. किसी अन्य राज्य के निवासी को आरक्षण या छूट का लाभ नहीं मिल पायेगा. बाहर विद्यार्थियों को ओबीसी, एसटी,एससी या डब्ल्यूबीसी का आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. वैसे छात्र जेनरल कैटेगरी के श्रेणी में आयेंगे. किसी भी स्थिति में विद्यार्थी का फोटो, नाम, इंटरमीडिएट के अंक व आरक्षण के लिए कैटेगरी में कॉलेज द्वारा कोई बदलाव नहीं किया जायेगा. ऐसे सभी विद्यार्थी के नाम नामांकन नहीं होने की श्रेणी में आयेंगे. इन सबों के अतिरिक्त यदि नामांकन से सम्बंधित विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की समस्या रह जाती है तो उनके सामाधान के लिए आवेदन को महाविद्यालय अपने स्तर से प्राप्त कर उन आवेदनों को त्रुटि सुधार का स्पष्ट कारण लिखते हुए विवि में भेज सकेंगे.

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