– रणनीति की भी हो रही है समीक्षा कटिहार बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जिले के सात सीटों का चुनाव परिणाम शुक्रवार की देर शाम जारी होने के बाद विजयी होने वाले प्रत्याशी के यहां अभी भी दिवाली एवं होली जैसा वातावरण बना हुआ है. शनिवार के सवेरे से ही विजेता प्रत्याशी के घर पर कार्यकर्ताओं और समर्थकों एवं शुभचिंतकों का आना जारी है. ऐसे विजेता उम्मीदवारों को बधाई देने वालों का तांता भी लगा हुआ है. सोशल मीडिया के जरिए भी राजनीतिक दल से जुड़े नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने अपने अपने प्रत्याशी के जीत पर बधाई देने में जुटे है. दूसरी तरफ जीतने एवं हारने वाले प्रत्याशी प्राप्त वोटों को लेकर उसका विश्लेषण कर रहे है. प्रत्याशी को किस इलाके में कितनी वोट मिली है. उसको लेकर भी समीक्षा शुरू हो गयी है. हालांकि भारत निर्वाचन आयोग के वेबसाइट एवं निर्वाचन कार्यालय से अभी तक बूथ वार किसको कितना मत मिला है. उसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गयी है. यद्यपि जीतने वाले प्रत्याशी इस बात का मंथन कर रहे हैं कि आखिर किस इलाके में उन्हें कितना वोट प्राप्त हुआ है. कम वोट प्राप्त होने पर उसके कारणों की तलाश भी की जा रही है. खासकर पराजित होने वाले प्रमुख प्रत्याशी इस तरह की समीक्षा में जुटे है. ऐसे प्रत्याशी अपने कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों से फीडबैक ले रहे है. उल्लेखनीय है कि जिले के सात विधानसभा सीट में से महागठबंधन की ओर से सिर्फ कांग्रेस ने अपनी मनिहारी सीट बचाने में कामयाब रही है. एनडीए की ओर से भाजपा अपना तीनों सीट बचाने में सफल रहा है. जबकि जदयू अपनी एक सीट बचाते हुए एक और सीट कांग्रेस से छीन ली है. यानी कटिहार जिले में जदयू का दो सीटों पर कब्जा हो गया है. जिले एक पर लोजपा आर ने कब्जा जमाया है. जिले कदवा व बलरामपुर सीट जदयू व लोजपा आर ने क्रमशः कांग्रेस व भाकपा माले से छीन लिया है. अब कटिहार जिले में कुल सात जीत में छह पर एनडीए का कब्जा है. कटिहार में जदयू व राजद-कांग्रेस को भारी नुकसान कटिहार जिले के सात विधानसभा सीट पर सीट शेयरिंग के तहत जदयू ने तीन पर अपने प्रत्याशी खड़ा किए थे. इसमें दो सीट पर उन्हें दो सीट पर सफलता मिली है. एक सीट मनिहारी में जदयू को हार का सामना करना पड़ा. जबकि भाजपा ने तीन सीट पर प्रत्याशी खड़ा किया था. वह तीनों सीट पर जीत हासिल किया है. एनडीए में लोजपा आर के खाते में बलरामपुर सीटआया था. इस सीट पर उन्हें कड़े मुकाबले में जीत हासिल हुई. इसी तरह महागठबंधन को इस बार बड़ा नुकसान हुआ है. महागठबंधन की ओर से कांग्रेस ने सीट शेयरिंग के तहत चार सीट पर प्रत्याशी खड़ा किया था. पर उन्हें एक सीट पर ही जीत हासिल हो सकी है. तीन सीट कांग्रेस को गंवाना पड़ा है. जबकि वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का दो का सीटों पर कब्जा था. उस हिसाब से भी कांग्रेस को यहां एक सीट का नुकसान हुआ है. महागठबंधन के तहत राजद एक सीटों पर प्रत्याशी खड़ा किया था. वह एक सीट भी उन्हें गंवानी पड़ी है. महागठबंधन में एक-एक सीट वीआईपी व भाकपा माले को मिली थी. दोनों को अपनी सीट गंवानी पड़ी है. महागठबंधन के तहत बलरामपुर सीट भाकपा माले के खाते में गयी थी. यह सीट बचाने में भाकपा माले नाकाम रही. माले यहां तीसरे स्थान पर रही. जीत हार में एआईएमआईएम फैक्टर जिले की विधानसभा चुनाव में इस बार एआईएमआईएम फैक्टर भी काम कर गया. बलरामपुर, प्राणपुर व कदवा विधानसभा सीट पर एआईएमआईएम प्रत्याशी फैक्टर जबरदस्त काम किया है. तीनों विधानसभा सीट पर जीत हार का विश्लेषण करें तो भाकपा माले, राजद एवं कांग्रेस को नुकसान पहुंचाते हुए नजर आते है. इसका फायदा एनडीए को मिला है. इसमें दो सीट बलरामपुर व कदवा पर क्रमशः भाकपा माले व कांग्रेस का कब्जा बरकरार था. इस बार बलरामपुर में लोजपा आर व कदवा में जदयू ने कब्जा जमाया है. उल्लेखनीय है कि कि 11 नवंबर को हुए मतदान के बाद व चुनाव परिणाम आने से पहले तक कटिहार जिले के सभी सीट को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे थे. अधिकांश तबकों का मानना था कि कटिहार के सात सीट में से पांच पर महागठबंधन जीत सकती है. दो सीट एनडीए के खाते में जा सकती है. लेकिन सभी पूर्वानुमान गलत साबित हुआ.
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