नाम है स्टेट हाइवे, स्थिति ग्रामीण सड़क से भी बदतरकटिहार-बारसोई अनुमंडल जाने के लिए नहीं है अच्छी सड़कफोटो नं. 1,2 कैप्सन-सकरी सड़क से आवागमन करने को लोग विवश, जर्जर सड़क. प्रतिनिधि, कटिहार विकास का सबसे बड़ा पैमाना सड़क है, लेकिन कटिहार जिला मुख्यालय से बारसोई अनुमंडल व पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली पथ की स्थिति ही काफी दयनीय है. यूं तो केंद्र व राज्य सरकार ने कटिहार जिले के छोटे-बड़े पथों का उन्नयन कर इसका कायाकल्प किया है, जबकि कटिहार-बारसोई-बलरामपुर पथ आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. यद्यपि जिला मुख्यालय से तीन सड़क बारसोई-बलरामपुर की तरफ निकलती है. इसमें से दो पथ कटिहार सदर प्रखंड व डंडखोरा प्रखंड होते हुए कटिहार-सौरिया, भमरैली-सोनैली पथ में जुड़ जाती है. सोनैली से दो पथ बारसोई तक जाती है. इन सभी पथों की स्थिति अत्यंत ही दयनीय है. राज्य सरकार की घोषणाओं के बाद कटिहार-सौरिया-सोनैली होते हुए बारसोई तक जाने वाली पथ टू-लेन नहीं बन सका. दो वाहन आमने-सामने या साथ-साथ गुजरने लगी, तो इस पथ में कुछ समय के लिए जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. वाहन चालक के सूझ-बूझ से किसी तरह सड़कों पर वाहनों का परिचालन हो रहा है. दूसरी तरफ जर्जर सड़क दुर्घटना को आमंत्रण दे रहा है. प्रभात खबर ने जिला मुख्यालय से बारसोई अनुमंडल मुख्यालय व पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली कटिहार-सौरिया-सोनैली पथ की स्थिति का पड़ताल किया. प्रस्तुत है प्रभात खबर की सड़कों की पड़ताल करती यह रिपोर्ट. बारसोई-बंगाल को जोड़ने वाली सड़क की स्थिति दयनीयशहर के सिरसा से मोगड़ा-चंद्रमा चौक-सोनैली होते हुए वाया सोनैली पक्की सड़क बारसोई व पश्चिम बंगाल को जोड़ती है. पहले यह सड़क पथ निर्माण विभाग की थी. लेकिन अब इस पथ को स्टेट हाइवे में अपग्रेड कर दिया गया है. विभाग ने इस पथ को स्टेट हाइवे 98 नाम दिया है. स्टेट हाइवे का दर्जा मिलने के बाद भी यह पथ टू-लेन नहीं बन सका है. जानकारों की मानें तो स्टेट हाइवे के नाम पर इस पथ का समय-समय पर इसकी मरम्मती सिर्फ होती है. जबकि एसएच मानक के अनुसार सड़क का चौड़ीकरण सहित वाहनों के आवाजाही के लिए और भी कई महत्वपूर्ण सुविधा दिये जाने का प्रावधान है. लेकिन यह पथ ग्रामीण सड़कों से भी बदतर है. सिंगल पथ व 12-14 फीट चौड़ी होने की वजह से दो वाहन के साथ-साथ होने या फिर आमने-सामने होने से काफी कठिनाई होती है. जबकि पथ की यह स्थिति होने की वजह से करीब बीस से पच्चीस लाख की आबादी न केवल प्रभावित होती है, बल्कि व्यापारिक व सांस्कृतिक-सामरिक कार्य पर भी असर पड़ता है. विभाग की उदासीनता से नहीं बन सका डबल लेनसूत्रों की माने तो करीब 3-4 वर्ष पूर्व कटिहार-सौरिया-सोनैली होते हुए बारसोई तक जाने वाली उक्त पथ को अपग्रेड कर उसे डबल लेन बनाने की सरकार ने घोषणा की थी. विभाग ने बिहार राज्य पथ विकास निगम को इस पथ के डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी दी. लेकिन आज तक उस पथ का डीपीआर नहीं बन सका. सूत्रों के अनुसार इस पथ को सिर्फ पीडब्ल्यूडी पथ से अपग्रेड कर उसे राज्य उच्च पथ 98 का दर्जा दे दिया गया. स्टेट हाइवे बनने के बाद समय-समय पर इसकी मरम्मती की जाती है. जबकि स्टेट हाइवे बनने के बाद अब तक इस पथ चौड़ीकरण व डबल लेन बन जाना चाहिए. लेकिन अब तक यह महत्वपूर्ण पथ विभागीय उदासीनता का शिकार बन कर रह गया है. तत्कालीन डीएम-विधायक का पहल बेअसरइस पथ के डबल लेन बनाने व एसएच मानक के अनुरूप पथ के सुदृढ़ीकरण-चौड़ीकरण को लेकर पिछले वर्ष तत्कालीन जिला पदाधिकारी प्रकाश कुमार ने विभाग को पत्र लिखा था. स्थानीय विधायक तारकिशोर प्रसाद ने विधानसभा में भी सवाल उठाया था. डीएम के पत्र लिखने व विधायक के विधानसभा में सवाल उठाये जाने के बाद भी इस महत्वपूर्ण पथ की स्थिति जस की तस बनी हुई है.लोग वाया पूर्णिया-बारसोई जाना करते हैं पसंदअधिकांश लोग वाहनों के माध्यम से वाया पूर्णिया-बारसोई जाना पसंद करते हैं. जबकि भाया पूर्णिया जाने में करीब 20-25 किलोमीटर अधिक दूरी तय करनी पड़ती है. वहीं शहर के सिरसा या केबीझा कॉलेज होते हुए भाया सोनैली-बारसोई तक जाने में काफी कम समय लगता है. लेकिन सिंगल व जर्जर सड़क होने की वजह से लोग भाया पूर्णिया ही बारसोई व पश्चिम बंगाल जाते हैं. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क भी जर्जरशहर के कल्याण चौक-बैगना सत्संग मंदिर होते हुए डंडखोरा-दुर्गागंज तक जाने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क की स्थिति जर्जर हो गयी है. जबकि इस पथ की मरम्मती का अभी एक-डेढ़ वर्ष ही पूरा हुआ है. यह पथ भी कटिहार-सौरिया-सोनैली पथ में भमरैली के पास जाकर जुड़ जाता है. इस प्रधानमंत्री ग्राम सड़क की जर्जर स्थिति से आये दिन दुर्घटना होती रहती है. कहते हैं कार्यपालक अभियंतापथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता सुब्रत सरकार ने कहा कि सिरसा सौरिया-सोनैली होते हुए बारसोई तक जाने वाली पथ को स्टेट हाइवे-98 में अपग्रेड किया गया है. पहले विभाग ने रोड विकास निगम को इस पथ को डबल लेन बनाने के लिए डीपीआर बनाने को कहा था, लेकिन अभी इस दिशा में कोई काम नहीं हो रहा है. सरकार के पास प्रस्ताव है. एसएच में उन्नयन होने के बाद इस पथ का डबल लेन बनना तय है.
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नाम है स्टेट हाइवे, स्थिति ग्रामीण सड़क से भी बदतर
नाम है स्टेट हाइवे, स्थिति ग्रामीण सड़क से भी बदतरकटिहार-बारसोई अनुमंडल जाने के लिए नहीं है अच्छी सड़कफोटो नं. 1,2 कैप्सन-सकरी सड़क से आवागमन करने को लोग विवश, जर्जर सड़क. प्रतिनिधि, कटिहार विकास का सबसे बड़ा पैमाना सड़क है, लेकिन कटिहार जिला मुख्यालय से बारसोई अनुमंडल व पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली पथ की स्थिति […]
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