भभुआ सदर. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के एग्जिट पोल के अनुरूप पूरे बिहार में आये चुनाव परिणाम ने एनडीए कार्यकर्ताओं के चेहरे पर मुस्कान तो ला ही दी थी. ऊपर से शुक्रवार को कैमूर के चारों विधानसभा क्षेत्र का चुनाव परिणाम भी एनडीए के झोली में जाने के बाद यह खुशी दुगुनी हो गयी. लेकिन, अधिकतर लोगों का मत था कि इस बार बिहार में एनडीए की इस जीत में महिला वोटरों की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है. चुनाव के बाद से ही एनडीए कार्यकर्ताओं को मिल रही जानकारी संकेत दे रहा था कि इस बार महिलाओं ने एनडीए के पक्ष में जमकर मतदान किया है. माना यह भी जा रहा है कि जाति, धर्म, वर्ग और पार्टी से अलग हटकर क्षेत्र की महिलाओं के किये गये मतदान के पीछे मोदी और नीतीश सरकार की योजनाएं है, जिसमें सबसे अव्वल मुख्यमंत्री महिला प्रोत्साहन योजना है, जिसके तहत बिहार के हर महिला को व्यापार करने के लिए 10 हजार रुपये दिये जा रहे है. बताया जाता है कि महिला वोटरों ने महिलाओं को नौकरी, सुरक्षा सहित अन्य योजनाओं को भी खूब पसंद किया है और महिलाओं को बड़ी राहत प्रदान की है. इससे महिलाओं ने तमाम चुनाव प्रचार, जाति धर्म के बावजूद जब इवीएम का बटन दबाने की बारी आयी तो एनडीए गठबंधन के निशान को प्राथमिकता दी. चुनाव में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाने वाले एक पदाधिकारी का भी कहना था कि इस चुनाव में अधिकतर महिलाओं ने जाति, वर्ग, धर्म और अपने पति व परिजनों के विरोध से ऊपर उठकर एनडीए के पक्ष में मतदान किया है और निश्चित रूप से वोटिंग का आधार विकास को अपनाया है. महिलाओं के इस बार के वोटिंग की सर्वत्र चर्चा हो रही है, इसमें कई ऐसी जाति और वर्ग की महिलाएं हैं, जिनके वोटिंग को जातीय आधार पर सहसा विश्वास भी नहीं किया जा सकता है. ऐसे में चल रही चर्चा के बीच चुनाव में एनडीए को मिली प्रचंड जीत के पीछे महिला वोटरों का विकास के नाम पर मोदी और नीतीश के प्रति रुझान को माना जा रहा है.
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