भगवानपुर. सीओ द्वारा एनओसी मिलने के बावजूद स्थानीय प्रखंड की रामगढ़ पंचायत के बजरडिहवां (चुआं-बजरडिहवां) गांव के ग्रामीण उक्त गांव के सरकारी भूमि पर स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ वेलनेस सेंटर (उप स्वास्थ्य केंद्र) भवन का निर्माण नहीं होने दे रहे हैं. बताया जाता है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा रामगढ़ पंचायत में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर भवन के निर्माण के लिए अंचल से जमीन की मांग की गयी थी, जिसको लेकर उक्त पंचायत के बजरडिहवां में अंचल द्वारा 10 डिसमील रकबा क्षेत्र में सरकारी भूमि उपलब्ध कराते हुए स्वास्थ्य विभाग को बकायदे संबंधित डॉक्यूमेंट्स के साथ अनापत्ति प्रमाण पत्र भी दे दिया गया. इसके बाद बीएमएसआइसीएल (बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड) द्वारा जब उक्त भूमि पर निर्माण कार्य कराने की प्रक्रिया शुरू करायी जाने लगी, तो उक्त गांव के कुछ ग्रामीणों द्वारा निर्माण कार्य का विरोध किया जाने लगा. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सूत्रों के मुताबिक, वहां के ग्रामीण संबंधित भूमि को विवादित तथा न्यायालय में लंबित मामले का हवाला देकर निर्माण कार्य नहीं होने दे रहे हैं. किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए नाम न छापने के शर्त पर प्रखंड स्वास्थ्य विभाग (सीएचसी) के एक पदाधिकारी ने बताया कि एचडब्ल्यूसी (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) निर्माण हेतु अंचलाधिकारी द्वारा बजरडिहवां गांव में 10 डिसमील रकबा क्षेत्र का एक भूखंड अलॉट किया गया था. इसका संबंधित नजरी-नक्शा के साथ एनओसी भी अंचल से प्राप्त हुआ है. बावजूद इसके वहां के कुछ ग्रामीण उक्त भूमि को विवादित बताने के साथ न्यायालय में मामला लंबित होने का हवाला देकर निर्माण कार्य नहीं होने दे रहे हैं. उन्होंने बताया अंचल से जब हमें जमीन प्राप्त हुई तो हमने विभागीय स्वीकृति के लिए उसका ब्योरा भेजा था, फिर शीर्ष विभाग से निर्माण के लिए स्वीकृति मिलने के साथ अनुदान राशि भी उपलब्ध हो गयी. इसके लिए उक्त भूमि की मापी भी हो चुकी है, और आजकल में वहां निर्माण कार्य शुरू होने वाला ही था कि ग्रामीणों द्वारा उसका विरोध किया जाने लगा. इसको लेकर बीएमएसआइसीएल के प्रबंधक (परियोजना) सुमित कुमार ने अंचलाधिकारी को पत्र लिखकर इस समस्या से उनको अवगत कराया है. साथ ही उक्त विवादित भूमि के लफड़े से बचने के लिए बजरडिहवां गांव में ही किसी अन्य बाधामुक्त भूखंड की मांग की है. क्या कहती हैं सीओ/ इस संबंध में फोन के माध्यम से पूछने पर अंचलाधिकारी अपर्णा कुमारी ने बताया कि आज गुड फ्राइडे को लेकर छुट्टी है, वहीं उक्त मामले से संबंधित मुझे किसी भी लेटर के बारे में जानकारी नहीं है. विशेष कुछ शनिवार को कार्यालय पहुंचने के बाद ही बता सकती हूं. क्या कहते हैं प्रोजेक्ट मैनेजर स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ वेलनेस सेंटर का निर्माण कराने वाले (बिहार मेडिकल सर्विसेज एण्ड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड) कैमूर के प्रबंधक (परियोजना) सुमित कुमार ने बताया कि उक्त भूमि में निर्माण कार्य के लिए विगत वर्ष के जुलाई माह में पांचाल कार्यालय से एनओसी मिला था, फिर टेंडर फाइनल होने के बाद जब बीते जनवरी माह में उक्त भूमि को देखने जब हमारी टीम पहुंची तो, पाया कि उक्त भूमि पर गेहूं की फसल की बुआई की गयी है. भूमि पर कब्जा करने वाले व्यक्ति का कहना है कि संबंधित भूमि हमारी है, जिसका मामला फिलहाल न्यायालय में चल रहा है. सुमित कुमार ने बताया कि जब इस मामले से सीओ को अवगत कराया गया, तो उन्होंने कहा कि मैंने तो आपको जमीन दे दी है, अब उसे पर निर्माण कराना आपका काम है. विभाग के प्रबंधन (परियोजना) ने बताया कि इस तरह की विवाद से बचने के लिए जब अंचलाधिकारी से उक्त पंचायत के बजरडिहवां गांव में किसी अन्य बाधामुक्त भूखंड की मांग की गयी, तो उनके द्वारा जवाब मिला कि इस तरह की जमीन की आप खुद तलाश कीजिए, मैं अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दूंगी.
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