भभुआ कार्यालय. सात दिन पहले इकलौते बेटे की सड़क दुर्घटना मैं मौत हो जाने के कारण सदमे में रविवार की सुबह पिता की भी मौत हो गयी. उक्त घटना रामगढ़ थाना क्षेत्र के इमलिया गांव की है. इमलिया गांव के रहने वाले बीएमपी जवान अनिल सिंह के इकलौते पुत्र आर्यन उर्फ गोलू की 21 अप्रैल को मोहनिया रामगढ़ रोड पर सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी. मुजफ्फरपुर में बीएमपी जवान के रूप में कार्य कर रहे उसके पिता अनिल सिंह उक्त सूचना पर अपने गांव आये हुए थे और उन्हीं द्वारा अपने इकलौते पुत्र आर्यन को मुखाग्नि दी गयी थी. अभी आर्यन का दसवां भी नहीं बीता था कि इसी बीच शनिवार की रात अनिल सिंह की अचानक तबीयत खराब हो गयी, जिसके बाद उनके परिजनों द्वारा रामगढ़ में प्राथमिक उपचार करने के बाद भभुआ छावनी मुहल्ला में स्थित उनके सगे भाई वकील वीरेंद्र कुमार सिंह के घर पर लाया गया. रविवार की सुबह जब वह शौच के लिए बाथरुम में गये, तो काफी समय बाद भी वह बाथरूम से बाहर नहीं आये. इसके बाद परिवार वालों को आशंका हुई और उनके द्वारा दरवाजा को जबरन खोल कर जब देखा गया तो वह बाथरूम में गिरे थे. इसके बाद उन्हें आनन फानन में तत्काल सदर अस्पताल भभुआ लाया गया, जहां पर चिकित्सकों द्वारा उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. बीएमपी जवान की मौत के बाद परिजन सदर अस्पताल में ही रोने बिलखने लगे. बीएमपी के उक्त जवान के मौत की सूचना तत्काल स्थानीय थाने को दी गयी. इसके बाद भभुआ एसडीपीओ शिव शंकर कुमार, थानेदार मुकेश कुमार सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और जांच की, इधर, घटना की सूचना मिलने के बाद काफी संख्या में उनके शुभचिंतक सदर अस्पताल में इकट्ठा हो गये. = परीक्षा देकर लौट के दौरान बेटे की हुई थी मौत सात दिनों पहले 21 अप्रैल को अनिल सिंह का बेटा गोलू उर्फ आर्यन मोहनिया से परीक्षा देकर अपने गांव रामगढ़ की इमलिया लौट रहा था, इसी क्रम में मोहनिया रामगढ़ के बीच चौरसिया के पास बरेथा मोड़ के पास ट्रैक्टर की चपेट में आ जाने के कारण गोलू उर्फ आर्यन गंभीर रूप से जख्मी हो गया था. उसे तत्काल इलाज के लिए मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया, जिसे चिकित्सकों द्वारा बनारस रेफर कर दिया गया, जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गयी थी. = शव का कराया गया पोस्टमार्टम बीएमपी जवान अनिल सिंह के भाई वकील वीरेंद्र कुमार सिंह द्वारा भभुआ थाने में आवेदन दिया गया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि सात दिनों पहले उनके बेटे की सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी. उन्हीं के द्वारा बेटे को मुखाग्नि दी गयी थी और वह गांव पर थे, इसी दौरान शनिवार को उनकी तबीयत खराब हुई. इसके बाद उन्हें रामगढ़ लाया गया, जहां उनका इलाज कराया गया था. इसके बाद उन्हें भाई वीरेंद्र सिंह द्वारा भभुआ अपने मकान पर लाया गया था. रविवार की सुबह वह बाथरूम में शौच के लिए गए थे, लेकिन काफी देर तक जब दरवाजा नहीं खोले तो जबरन दरवाजा खोला गया, जिसमें देखा गया कि वह बाथरूम में गिरे हैं. इसके बाद उन्हें सदर अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने बताया कि उनकी मौत हो चुकी है. इसके बाद उनके शव का पोस्टमार्टम कराया गया. उक्त स्थिति को देख आशंका लगायी जा रही है कि इकलौते बेटे की मौत के बाद सदमे के कारण बीएमपी जवान अनिल सिंह की मौत हो गयी है. हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मौत के वास्तविक कारण का पता चल सकेगा. = क्या कहते हैं थानेदार थानेदार मुकेश कुमार ने बताया कि मृतक के भाई द्वारा आवेदन दिया गया है, जिसमें उनकी तबीयत खराब होने के बाद उन्हें भभुआ लाने और बाथरूम में गिरे होने की बात बतायी गयी है. इलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों द्वारा जांच के बाद उन्हें मृत्यु बता दिया गया. उनके शरीर पर कोई जख्म के निशान नहीं पाये गये हैं, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि बेटे की मौत के बाद सदमे के कारण उनकी मौत हुई है. हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का वास्तविक कारण स्पष्ट हो सकेगा.
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