उम्मीद पोर्टल पर होनेवाले रजिस्ट्रेशन को लेकर जिला औकाफ कमेटी ने की बैठक देशभर में वक्फ संपत्तियों के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया हुई तेज प्रतिनिधि, भभुआ सदर. देशभर में वक्फ संपत्तियों के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया अब तेज हो गयी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सभी वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन उम्मीद पोर्टल पर अनिवार्य कर दिया गया है. जिले में भी स्थित धार्मिक स्थल इमामबाड़ा,कब्रिस्तान,मजार आदि के पांच दिसंबर तक सुन्नी वक्फ बोर्ड में ऑनलाइन अपलोड कराना अनिवार्य है. इसको लेकर शहर के मुस्लिम मुसाफिरखाना में रविवार को जिला औकाफ कमेटी की एक बैठक की गयी, जिसकी अध्यक्षता वक्फ बोर्ड के सदर नौशेर अली व संचालन सेक्रेटरी रमजान अंसारी ने की. बैठक में पांच दिसंबर तक हर हाल में वक्फ बोर्ड के उम्मीद नामक पोर्टल पर अपने क्षेत्र में स्थित कब्रिस्तान, इमामबाड़ा, मस्जिद, मजार और मदरसे का ऑनलाइन अपलोड कराने को लेकर ताकीद किया गया और इसे जरूरी बताया गया. बैठक में शामिल सभी सदस्यों को कमेटी की ओर से एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म दिया गया, जिसे सात दिसंबर को होनेवाले औकाफ कमेटी के बैठक में लेकर आने को कहा गया है. उसी फॉर्म के आधार पर मस्जिद, मजार, इमामबाड़ा और मदरसे आदि का रजिस्ट्रेशन किया जायेगा. बैठक में शामिल सामाजिक कार्यकर्ता व कमेटी के सदस्य असलम अंसारी ने बताया कि सभी को निर्देशित किया गया कि पांच दिसंबर तक सभी लोग अपने अपने धार्मिक स्थल, कब्रिस्तान और मजार की जानकारी को उम्मीद पोर्टल पर अपलोड कर देंगे, ताकि सदस्य वक्फ बोर्ड के लगाये जानेवाले जुर्माने की कार्रवाई से बच सके. रविवार को मुस्लिम मुसाफिरखाने में आयोजित बैठक के दौरान मासूक खान, इम्तियाज अंसारी, लियाकत अंसारी भोला, एकराम अली, पूर्व जिला पार्षद फैजी वर्क सिद्दकी, शाह आलम, आरिफ अंसारी सन्नी, जुलकरनैन खान, अमजद अली, कारी अली हसन, सुहैल अंसारी, मो सेराजुद्दीन अंसारी, अवुकैश अंसारी, अनवर अंसारी, अलाउद्दीन खान, मेराज अंसारी, फैयाज खान, लियाकत अली सहित काफी संख्या में लोग जुटे थे.
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