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Kaimur News : खटाई में पड़ी जीविका समूहों से मछली पालन कराने की योजना

जीविका समूह के ग्राम संगठन को मछली पालन करने के लिए तालाब उपलब्ध कराने की सरकार की योजना कैमूर जिले में खटाई में पड़ गयी है.

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भभुआ. जीविका समूह के ग्राम संगठन को मछली पालन करने के लिए तालाब उपलब्ध कराने की सरकार की योजना कैमूर जिले में खटाई में पड़ गयी है. क्योंकि, मछली पालन के लिए जीविका समूह द्वारा चिह्नित किये गये सभी 27 तालाबों पर मत्स्य विभाग का दावा पहले से ही जारी है. गौरतलब है कि बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पूर्व में जल जीवन हरियाली अभियान के तहत जीविका के ग्राम संगठनों को मछली पालन हेतु तालाबों को आंवटन करने का निर्देश दिया गया था. इसके अनुसार जल जीवन हरियाली अभियान के तहत नये बनाये गये तालाबों या विकसित किये गये सार्वजनिक जलाशयों का रखरखाव व प्रबंधन जीविका सामुदायिक संगठनों द्वारा करते हुए मछली पालन किये जाने का निर्देश जारी किया गया था. सरकार के इस निर्देश के बाद जिले के विभिन्न प्रखंडों में जिला स्तरीय कर्मी तथा प्रखंड परियोजना प्रबंधकों के माध्यम से ऐसे जलाशयों का सर्वे कराया गया, जिन जलाशयों को जीविका समूहों को मछली पालन के लिए आवंटित किया जा सके. इस सर्वे में कुल 27 तालाब मछली पालन के योग्य पाये गये थे. इधर, सर्वे के बाद चिह्नित तालाबों की सूची मत्स्य विभाग तथा जिला प्रशासन जीविका द्वारा भेज दिया गया था. ताकि मत्स्य विभाग द्वारा यह क्लीयर किया जा सके, इन तालाबों की बंदोबस्ती मत्स्य विभाग द्वारा की जाती है या नहीं. इस आलोक में मत्स्य विभाग द्वारा इन तालाबों पर किसी तरह का दावा नहीं किये जाने के बाद जीविका समूह द्वारा मछली पालन को ले अग्रेतर कार्रवाई आरंभ कराये जाने की बात बतायी गयी थी. लेकिन, जब इस संबंध में जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक कुणाल से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि चिह्नित किये गये सभी 27 तालाबों की बंदोबस्ती पूर्व से ही मत्स्य विभाग द्वारा की जा रही है. इसके कारण इन तालाबों का आवंटन जीविका को नहीं किया जा सकता है. = अब नये तालाबों की खुदाई के बाद ही जीविका समूह कर सकेंगे मछली व्यापार इधर, तालाबों का आवंटन जीविका को नहीं किये जाने के कारण फिलहाल जीविका ग्राम संगठनों के मछली पालन व्यवसाय बाधित हो गया है. हालांकि, जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक कुणाल ने बताया कि सरकार स्तर से इस समस्या पर वीसी के माध्यम से बात की गयी है, जिसके अनुसार जीविका समूहों को मनरेगा से खुदाई कराके नये तालाबों को दिये जाने की बात चल रही है. ऐसे में जब मनरेगा से कोई नया तालाब खोदा जायेगा, तब जीविका समूहों को मछली पालन व्यवसाय शुरू हो सकेगा. गौरतलब है कि सरकार द्वारा जीविका ग्राम संगठनों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए विभिन्न तरह के रोजगार के अवसर पूर्व से ही उपलब्ध कराये जा रहे हैं. लेकिन अगर जीवन हरियाली अभियान के तहत सरकार की जीविका समूहों को तालाबों के आवंटन की यह योजना धरातल पर उतरती है, तो जीविका समूह से जुड़ी महिलाओं के आमदनी का एक नया दरवाजा खुल जायेगा. इससे जीविक समूह के महिलाओं का परिवार आत्मनिर्भर बन सकेगा. जीविका के लिए पूर्व में चिह्नित तालाबों का ब्योरा पंचायत जगह जैतपुर नेतपुर बडका तालाब कसेर कसेर वार्ड 10 कसेर कसेर पोखरा मोकरम जैतपुर पोखरा मोकरम जैतपुर खुर्द पोखरा पढौती ददरा पोखरा तोड़ी पंचायत भवन के पीछे नंदगांव निमीया टांड पोखरा सिरबिट सिरबिट पोखरा धरहर कुरारी पोखरा खामिदौरा कुशहरिया पोखरा अकोढी दिनियालपुर पोखरा बघनी भुंडी-टेकारी पोखरा भरखर दुघरा छलका ताल भरखर भरखर ताल भोखरी चौरसिया पोखर भोखरी चौरसिया पोखर 2 भोखरी गौरा ताल दादर दादर पोखरा कठेज मझारी पोखरा मुजान मुजान पोखरा शहबाजपुर शहबाजपुर पोखरा दुमदुमा कुढनी पोखरा महुअर जलदंहा पोखरा अमांव दिरियांव पोखरा बेलांव पछेहरा पोखरा

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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