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Kaimur News : विश्वविद्यालय ने महाराणा प्रताप कॉलेज के खाता संचालन पर लगी रोक हटायी

Kaimur News : खाता संचालन पर रोक के कारण एक साल से कालेज कर्मियों को नहीं मिल रहा था वेतन

मोहनिया शहर. महाराणा प्रताप कॉलेज के कर्मियों के लिए होली के मौके पर एक बड़ी राहत देने वाली खबर आयी है. पिछले एक साल से महाराणा प्रताप कॉलेज के खाता संचालन पर वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय ने जो रोक लगायी गयी थी, उसे हटा ली है. विश्वविद्यालय के कुल सचिव ने खाता पर लगे रोक को हटाने का पत्र मंगलवार को जारी कर दिया है. उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि विश्वविद्यालय से अनुमोदन प्राप्त प्रभारी प्राचार्य डॉ महात्तिम सिंह व विश्वविद्यालय प्रतिनिधि डॉक्टर अवध बिहारी सिंह द्वारा संयुक्त रूप से खाते का संचालन किया जायेगा. विश्वविद्यालय के द्वारा खाता संचालन पर लगायी गयी रोक को हटाये जाने के बाद अब, वहां कार्यरत कर्मियों को बड़ी राहत मिलेगी. पिछले एक साल से खाता संचालन पर रोक रहने कारण, उन्हें वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा था. इस रोक के हटाये जाने के बाद कालेज कर्मियों के वेतन भुगतान का रास्ता साफ हो गया है. साथ ही खाता का संचालन शुरू होने के बाद कॉलेज के विकास कार्य भी शुरू हो जायेंगे. = गबन की शिकायत पर विश्वविद्यालय में खाता संचालन पर लगायी थी रोक: एक साल पहले 28 फरवरी 2024 को विश्वविद्यालय द्वारा महाराणा प्रताप के खाता संचालन पर रोक लगायी गयी थी. रोक लगाये जाने के पीछे अजय प्रताप सिंह के द्वारा गबन को लेकर की गयी शिकायत मुख्य कारण था. भूमि दाता अजय प्रताप सिंह ने करोड़ों रुपये के गबन की शिकायत विश्वविद्यालय के कुलपति सहित अन्य लोगों से की थी. इस पर विश्वविद्यालय में संज्ञान लेते हुए उनकी शिकायत पर जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया था. लेकिन, गठित तीन सदस्य टीम गबन की उक्त शिकायत की जांच के लिए नहीं आयी, जिसके बाद विश्वविद्यालय ने, जब तक की शिकायत की जांच नहीं हो जाती है, तब तक कॉलेज के खाता संचालन पर रोक लगा दी थी. = खाता संचालन पर लगी रोक हटाने के लिइ हाइकोर्ट में लगायी गयी थी गुहार विश्वविद्यालय के द्वारा जब महाराणा प्रताप कॉलेज के खाता संचालन पर रोक लगायी गयी थी, तब उसे हटाने के लिए प्राचार्य अनिल कुमार सिंह के सेवानिवृत होने के बाद प्रभारी प्राचार्य के रूप में प्रभार लेने वाले डॉक्टर शंभू नाथ सिंह ने हाइकोर्ट से गुहार लगायी. लेकिन, प्रभारी प्राचार्य के रूप में पदभार ग्रहण करने वाले डॉक्टर शंभू नाथ सिंह व सचिव बृजेंद्र नाथ सिंह को विश्वविद्यालय से प्रभारी प्राचार्य एवं सचिव के रूप में अनुमोदन नहीं मिला. इस बात की जानकारी न्यायालय को दी गयी. इस कारण खाता पर लगी रोक हटाने के बजाय हाइकोर्ट के द्वारा भी मामले की विस्तार से जांच करा कर रिपोर्ट देने के लिए कुलाधिपति को निर्देश दिया गया था. वर्तमान में राजभवन के द्वारा हाइकोर्ट के निर्देश पर महाराणा प्रताप कॉलेज में शिकायतों की जांच के लिए तीन सदस्य टीम का गठन किया गया है, जो टीम बीते दिनों आकर मामले की जांच कर यहां से हाल ही में गयी है. इसके बाद विश्वविद्यालय के निर्देश पर वरीयता के आधार पर डॉक्टर महातिम सिंह को प्रभारी प्राचार्य बनाया गया, जिसे विश्वविद्यालय द्वारा अनुमोदन दे दिया गया है और अब इसके बाद विश्वविद्यालय के द्वारा खाता संचालन पर लगी रोक को भी हटा दिया गया है. साथ ही निर्देश दिया गया है कि प्रभारी प्राचार्य व विश्वविद्यालय प्रतिनिधि दोनों संयुक्त रूप से महाराणा प्रताप कॉलेज के खातों का संचालन करेंगे. इस निर्देश के बाद महाराणा प्रताप कॉलेज में वेतन भुगतान सहित अन्य सभी तरह के विकास कार्य का रास्ता साफ हो गया है.

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