भभुआ कार्यालय. शाहाबाद रेंज के डीआइजी सत्य प्रकाश ने बुधवार को भभुआ साइबर थाने का निरीक्षण किया. इस दौरान भभुआ साइबर थाने में 83 मामले पेंडिंग पाये गये. इसके बाद डीआइजी ने गहरी नाराजगी जतायी है. उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में दर्ज प्राथमिकी का लंबित होना कार्य में शिथिलता को दर्शाता है. निरीक्षण के क्रम में उन्होंने पाया कि कई कांड ऐसे भी हैं, जिनका सत्यापन ही नहीं किया गया है. जबकि, कई कांड गिरफ्तारी नहीं होने के कारण लंबित पड़े हुए हैं, तो कई कांडों में वरीय अधिकारी के द्वारा सुपरविजन के दौरान दिये गये निर्देश का अनुपालन नहीं किया गया है. इसके लिए कांड को पेंडिंग छोड़ दिया गया है. डीआइजी ने पाया के अनुसंधान के क्रम में अनुसंधानकर्ता के द्वारा शिथिलता बरते जाने के कारण बिना कोई वाजिब कारण के अत्यधिक मामले लंबित पड़े हुए हैं.
एक महीने में लंबित कांडों का निष्पादन करें, नहीं तो होगी कार्रवाई
डीआइजी ने जिन मामलों में सुपरविजन करने वाले पदाधिकारी के द्वारा दिये गये निर्देश के अनुपालन के अभाव में कांड को लंबित रखा गया है, उनके अनुसंधानकर्ता को यह निर्देश दिया है कि वह एक महीने के अंदर आदेश का अनुपालन करते हुए कांडों का निष्पादन करें. और साथ ही ऐसा नहीं करने वाले अनुसंधान कर्ताओं के खिलाफ रिपोर्ट बनाकर भेजने का निर्देश एसपी को दिया गया. डीआइजी ने कहा कि अगर अगले एक महीने के अंदर अनुसंधान में तेजी लाते हुए कांड का डिस्पोजल एवं चार्जशीट नहीं किया जाता है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. पूर्व से निर्धारित बुधवार को डीआइजी के निरीक्षण के दौरान एसपी हरिमोहन शुक्ला साइबर थाने के डीएसपी सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी मौजूद रहे.हर चौक-चौराहे पर तैनात रही पुलिस
डीआइजी के आगमन साइबर थाना के निरीक्षण को लेकर पूर्व से निर्धारित था. इसे ध्यान में रखते हुए शहर के हर चौक-चौराहे पर पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. पुलिस के जवान सुबह से ही डीआइजी साहब के आने को लेकर रास्ता खाली कर रहे थे. कहीं भी जाम लगने नहीं दे रहे थे. शहर के लोग हर चौक-चौराहे पर पुलिस बल की सक्रियता को देख यह कहने पर विवश थे कि अगर प्रतिदिन पुलिस की इसी तरह मुस्तैदी रहती तो ना शहर में जाम लगता और न आम लोगों को इतनी परेशानी होती.
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