फोटो 1 शहर के एकता चाैक पर से अतिक्रमण हटवाते ईओ नप कर्मी व अन्य = नगर विकास के शहरी अतिक्रमण व जाम पर सख्ती बरते जाने का दिख रहा असर = फुटपाथी दुकानदारों के अतिक्रमण की भेंट चढ़ा एकता चौक व कचहरी रोड की सड़कें होने लगी खाली भभुआ सदर. कहा जाता है कि भय बीना प्रीत नहीं होती, कुछ ऐसा ही भभुआ नगर पर्षद क्षेत्र में देखने को मिल रहा है. यहां नगर विकास विभाग के शहरी कुव्यवस्था और अतिक्रमण पर सख्त रवैये के चलते भभुआ शहर की सड़कें अर्से बाद अब चौड़ी दिखने लगी है. खासकर एकता चौक और कचहरी रोड के किनारे से ठेले व गुमटी दुकानों के हटने से लोगों को काफी राहत मिल रही है. गौरतलब है कि शहर में सड़कों पर कब्जा जमाये बैठे अतिक्रमणकारियों पर जब तक प्रशासन अपने तेवर नहीं दिखा रही थी, तब तक शहर की सड़कों व नो वेंडर जोन में दुकानें खोल पान, सब्जी व फल दुकानदार अपने मन का किये जा रहे थे. लेकिन, विभाग के सख्त निर्देश के बाद जब अनुमंडल व नगर प्रशासन के अधिकारियों द्वारा कड़े तेवर दिखाने के साथ-साथ शहर के सभी प्रमुख जगहों पर अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कार्रवाई तेज कर दी गयी, तो सभी अतिक्रमणकारियों के कस- बल भी ढीले पड़ गये हैं और अब वे सड़क छोड़ने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं. अधिकारियों के इस कार्रवाई पर घोर अतिक्रमण की चपेट में रहनेवाली कचहरी रोड, एकता चौक की सड़कें फिलहाल कुछ हद तक चौड़ी दिखने लगी है, जिससे शहरवासी सहित आसपास रहनेवाले लोगों को काफी राहत का अहसास हो रहा है. हालांकि, प्रशासन के सख्ती से सड़क को जाम करने वाले सवारी वाहन चालक और अतिक्रमणकारी तो फिलहाल हट गये हैं, लेकिन जानकारी मिली है कि अतिक्रमणकारी वेट एंड वाच की मुद्रा में हैं. लोगों के अनुसार, अगर आगे प्रशासन ढील देती है या कार्रवाई को रोक देती है, तो पुनः शहर को अतिक्रमण और जाम की भेंट चढ़ते देर नहीं लगने वाली. दरअसल, विभाग के निर्देश पर अधिकारियों व नप के लाव लश्कर द्वारा शहर में पिछले चार दिन से अतिक्रमण के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान कई ठेला व फुटपाथी दुकानदारों को नो वेंडर जोन आदि जगहों से हटा दिया गया, साथ ही जेसीबी की मदद से अवैध दुकान व निर्माण को भी गिरा कर ध्वस्त कर दिया गया है. वैसे, पिछले तीन चार दिनों से शहर में पैठ बना चुकी अतिक्रमण की समस्या पर अधिकारी गंभीर दिख रहे है. शहर के रवि अग्रवाल, शैलेश मिश्रा, सुजीत पांडेय आदि का कहना है कि अगर प्रशासन सख्ती दिखाना शुरू कर दे तो व्यवस्था कितनी भी खराब हो उसे सुधरते देर नहीं लगती. बोले इओ– नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय ने सदर अस्पताल के बाहरी परिसर सहित सरकारी विभागों व आवास के बाहर वेडिंग जोन बनाने व दुकान लगाने पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. उन्होंने दुकानदारों को सख्त चेतावनी दी है कि सरकारी कार्यालयों की चहारदीवारी के बाहर दुकान खोलने या लगाने पर कानूनी कार्रवाई भी की जायेगी. = अतिक्रमण है शहर की प्रमुख समस्या –शहर के अतिक्रमण के संबंध में वरीय डॉक्टर डॉ रामेश्वर सिंह कहते हैं कि हम लोग सीधे सीधे शासन-प्रशासन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराकर अपनी जवाबदेही से नहीं बच सकते. अतिक्रमण और जाम के लिए आमजन भी कम जिम्मेदार नहीं हैं. उनमें भी सिविक सेंस की कमी है. अतिक्रमणकारियों का सामाजिक बहिष्कार हो. क्योंकि, फुटपाथ कब्जाने के बाद ये लोग सड़क तक पसर आते हैं और सामाजिक समस्या का कारण बन जाते है. –सिविल कोर्ट के अधिवक्ता जितेंद्र मिश्रा ने कहा कि हर तबका इससे रोजाना जूझ रहा है. एक तबका अतिक्रमण को अपनी शान समझता है. अतिक्रमण भी प्रशासन के लिए एक मुद्दा बने और छुटकारा नहीं दिलाने पर हमारे स्थानीय नेता भी जवाबदेह हों. हाईकोर्ट के निर्देशानुसार भी अतिक्रमण के लिए जिला प्रशासन सीधे जिम्मेदार है. –गृहिणी कविता पांडेय का कहना था कि ऐसा नहीं है कि इस समस्या से आमजन ही परेशान हैं, इस समस्या से हर तबका परेशान है. लेकिन समाज के अन्य नुमाइंदे इस पर ध्यान नहीं देते. जबकि, शहर के लिए यही प्रमुख समस्या है. इसका ठोस समाधान होना बहुत जरूरी है़ = —शहर को समस्या से निजात के उपाय – अतिक्रमण से निजात के लिए स्थायी निदान हों – मुख्य स्थानों व मार्केट कांप्लेक्स, मॉल के लिए पार्किंग व स्टैंड की व्यवस्था अनिवार्य किया जाना चाहिए – अतिक्रमणकारियों को किया जाये जुर्माने से दंडित, हो उनका सामाजिक बहिष्कार – दोबारा अतिक्रमण होने पर स्थानीय थाने स्तर से कड़ी कार्रवाई – हाईकोर्ट के निर्देशानुसार अतिक्रमण के लिए जिला प्रशासन समझे अपनी जिम्मेदारी – अतिक्रमण भी बने चुनावी मुद्दा, छुटकारा नहीं दिलाने पर नेता भी हो जवाबदेह – सड़क, गली या पगडंडी का अतिक्रमण या उसमें अवरोध पैदा करना कानूनन माना जाये अपराध – अतिक्रमण सिर्फ समस्या नहीं, कानून-व्यवस्था से जुड़ा मसले में शामिल होनी चाहिए.
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