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कैमूर की चारों सीटों पर फिर से सियासत पारा चढ़ा

भभुआ में सात नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा

भभुआ में सात नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा, कैमूर में प्रधानमंत्री मोदी 10 साल बाद फिर से करेंगे सियासी मंच साझा चैनपुर. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण के मतदान से पहले कैमूर जिले का चुनावी माहौल पूरी तरह सियासी रंग में रंग गया है. जिले की चार विधानसभा सीट भभुआ, चैनपुर, मोहनिया और रामगढ़ में इस बार मुकाबला काफी दिलचस्प हो चला है. इनमें से तीन सीट रामगढ़, मोहनिया व भभुआ में भाजपा के उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जबकि एक सीट चैनपुर में जदयू समर्थित प्रत्याशी एनडीए गठबंधन से ताल ठोक रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात नवंबर को भभुआ में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. यह जनसभा भभुआ के सरदार वल्लभ भाई पटेल कॉलेज के मैदान में आयोजित की जायेगी, जहां प्रधानमंत्री मोदी करीब 10 साल बाद फिर से जिले में सियासी मंच साझा करेंगे. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में भी भभुआ के हवाई अड्डा में उन्होंने जनसभा को संबोधित किया था, जिसके बाद भाजपा को कैमूर जिले की चारों सीटों पर जीत मिली थी. अब एक दशक बाद प्रधानमंत्री की अगुवाई में भाजपा और एनडीए उम्मीदवार एक बार फिर पिछले इतिहास को दोहराने की उम्मीद पाले हुए हैं. # पिछले चुनावों से सीख लेकर बना रहे रणनीति – वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को कैमूर जिले की सभी चार सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था. उस हार से सबक लेकर इस बार पार्टी ने संगठन स्तर पर काफी तैयारी की है. स्थानीय कार्य समितियों की सक्रिय भूमिका, बूथ स्तर पर जनसंपर्क अभियान और मतदाता संवाद कार्यक्रम इस तैयारी का हिस्सा हैं. वहीं, प्रधानमंत्री मोदी की आगामी जनसभा को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों में जबर्दस्त उत्साह है. एनडीए उम्मीदवारों का मानना है कि प्रधानमंत्री की उपस्थिति से मतदाताओं में नया जोश आयेगा और प्रचार अभियान को निर्णायक गति मिलेगी. भाजपा मंडल अध्यक्ष धर्मेंद्र पांडेय ने बताया कि प्रधानमंत्री की जनसभा ऐतिहासिक होने वाली है. हजारों हजार की संख्या में लोगों के इस रैली में उमड़ने की संभावना है. प्रधानमंत्री के भाषण से विकास, राष्ट्रवाद और सुशासन के संदेश को सीधे मतदाताओं तक पहुंचाने की तैयारी है. # महागठबंधन और बसपा भी सक्रिय एक तरफ एनडीए के घटक दल दूसरे चरण के चुनाव को लेकर प्रचार में पूरी तरह लग गये हैं. वहीं दूसरी ओर महागठबंधन भी अपने प्रत्याशियों के समर्थन में पूरी ताकत झोंक रहा है. राजद, कांग्रेस और वाम दल मिलकर एनडीए को कड़ी टक्कर देने के लिए मैदान में हैं. राजद के वरिष्ठ नेताओं की सभाएं लगातार आयोजित की जा रही हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां 2020 में महागठबंधन को मजबूत समर्थन मिला था. बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती छह नवंबर को भभुआ के हवाई अड्डा मैदान में जनसभा को संबोधित करेंगी. वे बसपा समर्थित प्रत्याशी के पक्ष में जनता से समर्थन की अपील करेंगी. मायावती की रैली से दलित और अतिपिछड़ा वर्ग के मतदाताओं के रुझान पर असर पड़ने की संभावना जतायी जा रही है. इस जनसभा को लेकर प्रशासन ने भी सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम शुरू कर दिये हैं. # कैमूर में प्रचार ने पकड़ी रफ्तार – मंगलवार को पहले चरण का प्रचार थमने के साथ ही सभी दलों के बड़े नेता अब दूसरे चरण पर फोकस कर रहे हैं. कैमूर जिले में मतदान 11 नवंबर को होना है और नौ नवंबर की शाम को प्रचार समाप्त हो जायेगा. इस बीच भाजपा व एनडीए और महागठबंधन के नेता लगातार सभाएं कर रहे हैं. सभी नेता मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए लोक लुभावन वादे कर रहे हैं, लेकिन जनता किसके वादे पर विश्वास करेगी, यह तो 14 नवंबर को मतों की गिनती के बाद ही पता चल सकेगा. जिले के आसमान में राजनीतिक उड़नखटोले अब लगातार दिखेंगे. भाजपा नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी चुनावी माहौल में बड़ा परिवर्तन ला सकती है, जबकि महागठबंधन इसे महज लोकलुभावन शो बताकर अपने मुद्दों पर वोट मांग रहा है. # जनता की राय-क्षेत्र का हो तेज विकास चैनपुर से रामगढ़ तक आम मतदाता इस बार विकास कार्यों, स्थानीय जनसमस्याओं और रोजगार के मुद्दों पर चर्चा करते दिख रहे हैं. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी की रैली से भाजपा को निश्चित रूप से बढ़त मिलेगी, लेकिन क्षेत्रीय मुद्दों का समाधान भी उतना ही जरूरी है. वहीं, युवाओं का एक बड़ा वर्ग रोजगार, शिक्षा और सड़क-संचार सुधार सहित क्षेत्र में तेज विकास को लेकर इस चुनाव में जागरूक मतदाता की भूमिका निभाते नजर आ रहे हैं. महिलाएं भी इस चुनाव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. उन्हें उज्ज्वला, जल जीवन हर घर नल योजना और जनधन खातों जैसी केंद्र की योजनाओं से जोड़ कर भाजपा मतों का आधार मजबूत करने की कोशिश कर रही है. वहीं, महागठबंधन भी महिलाओं से जुड़ी योजनाओं और स्थानीय रोजगार सृजन के वादे कर समर्थन जुटाने की कोशिश में है. # सुरक्षा व यातायात के लिए विशेष व्यवस्था – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मायावती की रैलियों को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात के लिए विशेष व्यवस्था की है. भभुआ का हवाई अड्डा मैदान पूरी तरह से बैरिकेडिंग कर सुरक्षित किया जा रहा है. भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस, फोर्स की तैनाती की गयी है. इन दो बड़ी रैलियां के लिए प्रशासनिक स्तर पर पूरी तैयारी की जा रही है. लोगों को आवागमन में परेशानी ना हो इसको भी ध्यान में रखा जा रहा है. जिले में द्वितीय चरण के दौरान 11 नवंबर को होने वाले मतदान में अब एक सप्ताह से भी कम समय है. समय की कमी को देखते हुए सभी प्रत्याशी दिन-रात मेहनत कर रहे हैं और लोगों से लगातार संपर्क कर रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक लोगों तक वह अपनी बात को पहुंचा सकें. अब सबकी निगाहें सात नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा पर टिकी हैं, जो कैमूर जिले के राजनीतिक समीकरणों को नया आयाम दे सकती है. भाजपा को उम्मीद है कि 2015 का इतिहास दोहराया जायेगा, जबकि महागठबंधन और बसपा इसे चुनौती देने के लिए हर संभव प्रयास में जुटे है.

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