भभुआ नगर. जिले के ऐसे नियोजित शिक्षक, जो अभी तक अपना शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्र वेब पोर्टल पर अपलोड नहीं किये हैं, ऐसे शिक्षक अब चिह्नित किये जायेंगे. क्योंकि वेब पोर्टल पर अपलोड किये गये शिक्षकों की संख्या सहित उनके द्वारा जमा किये गये शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, पटना को भेजा जायेगा. इधर, 2006 से 2015 तक नियुक्त हुए नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के लिए निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को पत्र लिखा है. लिखे गये पत्र में कहा है कि जिला अंतर्गत 2006 से 2015 तक जितने नियोजित शिक्षकों द्वारा शिक्षा विभाग के वेब पोर्टल पर अपनी पूर्ण विवरणी के साथ शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक एवं अन्य प्रमाण पत्र अपलोड किये गये हैं, ऐसे शिक्षकों की वास्तविक संख्या से अवगत कराएं. साथ ही उन सभी शिक्षकों की पूर्ण विवरणी सूची के साथ वेब पोर्टल पर अपलोड किये गये शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक अंक पत्र, प्रमाण पत्र एवं अन्य प्रमाण पत्रों के साथ, जिसमें आवेदन पत्र के साथ शिक्षक पूर्ण विवरणी दर्ज किये हैं, इन सभी प्रमाण पत्रों को डाउनलोड करते हुए अपने हस्ताक्षर व मुहर के साथ प्रत्येक शिक्षकों के फोल्डर एक सप्ताह के अंदर देवरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. गौरतलब है कि उच्च न्यायालय के आदेश पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा नियोजित शिक्षकों के कागजात की मांग वर्षों से की जा रही है. इसके बावजूद भी अभी तक कार्य पूरा नहीं किया जा सका है. हालांकि, सर्टिफिकेट फर्जी देखकर नौकरी पाने वाले जिले के दो दर्जन से अधिक शिक्षकों पर निगरानी विभाग द्वारा अभी तक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इधर, इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना कृष्ण मुरारी गुप्ता ने कहा कि निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा वेब पोर्टल पर अपलोड किये गये शिक्षकों की संख्या व प्रमाण पत्रों की मांग की गयी है. साथ ही बताया कि कितने शिक्षक द्वारा वेब पोर्टल पर प्रमाण पत्र अपलोड किये गये हैं, इनकी वास्तविक संख्या के साथ सूची उपलब्ध करायी जा रही है.
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