भभुआ सदर.
रामगढ़ प्रखंड में स्थित ग्राम भारती महाविद्यालय में गुरुवार को एड्स कंट्रोल सोसाइटी की ओर से रेड रिबन के तहत छात्र व छात्राओं को एचआइवी एड्स की विस्तृत जानकारी दी गयी. जिला अस्पताल में कार्यरत एआरटी के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आदित्य नारायण सिंह ने एचआइवी के लक्षण व स्टेज के बारे में बताते हुए कहा कि सबसे पहले एड्स अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में पाया गया था. जबकि भारत में 1986 में चेन्नई और 1993 में बिहार के नवादा जिला में पाया गया. उन्होंने एचआइवी वायरस के कारण व इससे बचने के उपायों से भी रूबरू कराया. कहा कि नशीली दवा, संक्रमित व्यक्ति के लिए इंजेक्शन, यौन रोग से पीड़ित के साथ संबंध और बिना जांच खून चढ़ाने से यह रोग होता है. एड्स पीड़ित महिलाएं गर्भधारण न करें, क्योंकि उनसे पैदा होने वाले शिशु को भी यह रोग लग सकता है. साथ ही रक्त की आवश्यकता होने पर किसी अनजान व्यक्ति का रक्त न लें. कार्यक्रम में एआरटी के जिला संयोजक डॉ सुनील कुमार, परामर्शी चंदन कुमार सहित ग्राम भारती महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विनोद कुमार सिंह, अमरेंद्र कुमार आर्य आदि मौजूद रहें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

