भभुआ सदर. रविवार को भभुआ-मोहनिया सड़क पर परसिया पेट्रोल पंप के समीप हुई ह्रदय विदारक घटना में बारे गांव के रहनेवाले चार युवकों की मौत हो गयी. सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद जब एक साथ चारों शव गांव स्थित घरों के दरवाजे पर पहुंचे, तो पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया. कुछ ही समय बाद आंसुओं का जो सैलाब उमड़ा, यह देख हर कोई ग्रामीण अपनी आंखों को नम होने से नहीं रोक सका. इस दौरान रूदन क्रंदन भरे वातावरण में परिजनों का चीत्कार अच्छे अच्छों का कलेजा हिला देने के लिए काफी रहा. रविवार को चार युवकों के एक साथ ही मौत होने पर गांव के अनगिनत घरों में चूल्हे ठंडे पड़े रहे और मातमपुर्सी करने वालों का जमावड़ा लगा रहा और इस हादसे पर दुख जताते नजर आये. क्या घर क्या परिवार और क्या ग्रामीण, सबकी आंखें नम थीं और सभी उस घड़ी को कोसते रहे, जिस घड़ी चारों युवक इस हादसे का शिकार हो गये. बारे गांव से एक साथ कंधों पर उठी चार लाशें, तो सबका कलेजा कराह उठा. = मनोज सिंह का बुझ गया कुल का अंतिम चिराग भी रविवार सुबह सड़क दुर्घटना का शिकार हुए बारे गांव निवासी मनोज सिंह उर्फ मंटू सिंह के बेटे आदर्श की मौत के बाद कुल का अंतिम चिराग भी बुझ गया. गौरतलब है कि बारे गांव निवासी और बस चालक मनोज सिंह के दो बेटे थे, जिसमें एक बेटे की मौत दिल में छेद रहने की वजह से पांच साल पहले हो गयी थी. हालांकि, 12 वर्षीय बेटे का ऑपरेशन भी करवाया गया था. ऑपरेशन सफल भी रहा था, लेकिन एक दिन अचानक बच्चे की तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गयी थी. जबकि, दूसरे बेटे आदर्श की भी रविवार को सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी. रविवार को आदर्श की मौत के बाद उसके घर पर काफी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ जुटी रही. लोग परिजनों को ढांढस बंधा रहे थे, लेकिन घटना इतनी बड़ी थी परिजनों के चीत्कार से ग्रामीणों के भी आंसू निकल जा रहे थे. गुजरात से शनिवार को ही गांव आया था वीरेंद्र सड़क दुर्घटना में मृत हुआ वीरेंद्र यादव अपने पिता जितेंद्र यादव के साथ गुजरात में रहकर काम करता था. गांव में उसके बड़े पिताजी गामा यादव की बेटी की 30 अप्रैल को विदाई होनेवाली थी. इसी में सम्मिलित होने के लिए शनिवार को देर रात ही वह गुजरात से अपने गांव बारे आया था और रविवार की सुबह दोस्तों के साथ गांव लौटने के दौरान सड़क हादसे का शिकार हो गया. मौत के बाद शव जब उसके गांव पहुचा, तो परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था. मृतक की मां शव के साथ लिपटकर कहती रही कि बचवा राते के अइल ठीक से बातो ना भईल और ना ही तोहके मनभर देखबे कइनी अउरी तू हमरा के छोड़ के चल गईल. बेटे के शव के साथ मां को लिपटकर रोते देख ग्रामीण भी अपनी आंसू नहीं रोक पा रहे थे. इधर, घटना की जानकारी गुजरात रहे मृतक वीरेंद्र के पिता जितेंद्र यादव को दे दी गयी थी. सूचना पर वह अपने गांव के लिए निकल पड़े थे. = पिता की मौत के बाद आदित्य बाहर रहकर करता था काम सड़क दुर्घटना का शिकार हुआ बारे गांव निवासी स्व घनश्याम तिवारी का बेटा आदित्य तिवारी उर्फ सन्नी देवोल भी बाहर रहकर काम करता था और एक महीने पहले ही वह गांव आया था. इसके पिता की मौत 10 साल पहले ही बीमारी से हो गयी थी. पिता की मौत के बाद युवक जीविका चलाने के लिए बाहर नौकरी करने लगा था. मृतक एक बहन और दो भाई थे, जिनमें सबसे बड़ी बहन है. = दोस्त की बहन की शादी के लिए गांव आया था विकास उधर, रविवार को सड़क दुर्घटना का शिकार हुआ बारे गांव निवासी प्रभु गोंड का बेटा विकास कुमार भी गुजरात रहकर काम करता था और दोस्त की बहन की 29 व 30 अप्रैल को होनेवाली शादी में शामिल होने के लिए 10 दिन पहले ही गांव आया था. लेकिन, शादी में शामिल होने से दो दिन पहले ही वह सड़क हादसे का शिकार हो गया. मृतक के पिता राजमिस्त्री का काम करते हैं. = बाइक व स्कॉर्पियो टकराये, तो दूर तक सुनी गयी आवाज रविवार सुबह जब परसिया पेट्रोल पंप के समीप स्कॉर्पियो और बाइक की जबर्दस्त टक्कर हुई थी, तो प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार टकराने की आवाज काफी दूर तक सुनी गयी थी. टकराने की आवाज पर घटनास्थल पर सेमरिया, कमता, कमती और परसिया, डीहरा सहित अन्य गांवों के काफी संख्या में ग्रामीण घटनास्थल पर जुट आये. लेकिन, तब तक दो युवकों की घटनास्थल पर ही मौत हो चुकी थी. जबकि गंभीर रूप से घायल रहे दो युवकों को इलाज के लिए तत्काल सदर अस्पताल भेजा गया, जहां एक और युवक ने दम तोड़ दिया. वहीं, एक युवक को बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया था, लेकिन उसकी भी वाराणसी ट्रॉमा सेंटर पहुंचने के दौरान मौत हो गयी.
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