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Kaimur News : जागेबरांव में बाल मजदूरों से करायी बाहा की खुदाई, 22860 रुपये भुगतान

ताजा मामला भभुआ प्रखंड की जागेबराव पंचायत में सामने आया है. यहां मनरेगा से बाल श्रमिकों से बेलाढ़ी में बाहा खुदाई का कार्य कराया गया और इसके एवज में उनको 22860 रुपये की मजदूरी का भुगतान भी किया गया है

मोहनिया सदर. प्रशासन की जीरो टालरेंस नीति सिर्फ एक दिखावा बन कर रह गयी है. मनरेगा में भ्रष्टाचार की एक आग अभी ठंडी भी नहीं हो रही कि दूसरी धधकने लग रही है. ताजा मामला भभुआ प्रखंड की जागेबराव पंचायत में सामने आया है. यहां मनरेगा से बाल श्रमिकों से बेलाढ़ी में बाहा खुदाई का कार्य कराया गया और इसके एवज में उनको 22860 रुपये की मजदूरी का भुगतान भी किया गया है. ऐसा हम नहीं कहते, बल्कि मनरेगा की साइट पर बाहा खुदाई का कार्य करने वाले उन मजदूरों की अपलोड की गयी फोटो खुद बयां कर रही है, जिसमें कई वैसे बाल मजदूर नजर आ रहे हैं, जिनकी उम्र 12 से 16 वर्ष है. वर्क कोड संख्या 0549002007,आइसी/ 20592517 है जो ग्राम बेलाढ़ी से रामाश्रय के घर से महेंद्र के खेत होते महुअत रोड तक बाहा खुदाई कार्य कराया गया है, इसमें जिनको मजदूर बता कर साइट पर फोटो अपलोड किया गया है, उनमें अधिकांश नाबालिग बच्चे दिख रहे हैं. इस योजना में तीन मास्टर रोल तैयार किया गया है, जिसमें 30 मजदूरों की हाजिरी दर्ज की गयी है. इसमें 14 पुरुष वर्ग व 16 महिला मजदूरों का नाम शामिल है. अब सवाल यह उठता है कि जब 30 मजदूरों ने बाहा खुदाई का कार्य किया, फिर किन परिस्थितियों में सिर्फ छह मजदूरों को ही 90 दिनों की मजदूरी का भुगतान संबंधित अधिकारी द्वारा किया गया, क्या 24 मजदूर जिनकी हाजिरी दर्ज की गयी है वे कमीशन देने के लिए रजामंद नहीं थे? आखिर क्यों बाकी के 24 मजदूरों को मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया, क्या उन मजदूरों ने बाहा खुदाई कार्य नहीं किया? और यदि कार्य किया ही नहीं तो तीन अलग-अलग मास्टर रोल जारी कर उनकी उपस्थिति कैसे दर्ज कर दी गयी?

एक ही फोटो तीनों मास्टर रोल पर अपलोड

सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मनरेगा में 60 प्रतिशत उनकी भागीदारी सुनिश्चित की है, लेकिन मनरेगा में महिला मजदूरों का नाम तो शामिल किया जाता है, लेकिन वास्तव में उनको रोजगार नहीं दिया जाता है. इसका जीवंत उदाहरण जागेबरांव पंचायत में देखने को मिल रहा है. उक्त योजना में तीन मास्टर रोल में 16 महिला मजदूरों का नाम शामिल कर उनको प्रजेंट (उपस्थित) दिखाया गया है, लेकिन मनरेगा की साइट पर जो फोटो अपलोड किया गया है उसमें एक भी महिला कहीं नजर नहीं आ रही है, उसमें सिर्फ युवक व नाबालिग बच्चे शामिल हैं. इनमें भी एक ही फोटो को तीनों मास्टर रोल पर अपलोड किया गया है.

# कहां है बालश्रम रोकने वाले जिम्मेदार?

श्रम प्रवर्तन अधिकारी जिनके कंधों पर सरकार ने बालश्रम रोकने की जिम्मेदारी दी है, जबकि यहां निजी कार्य तो दूर यहां मनरेगा में बाल श्रमिकों से बाहा खुदाई का कार्य करवाया जा रहा है. कहां हैं ये जिम्मेदार! जिन्हें सिर्फ इनकों होटलों, रेस्तराओं व ईंट भट्ठों पर ही बाल श्रमिक नजर आते हैं, क्या सरकारी कार्य में नाबालिगों से कठिन परिश्रम वाले कार्य कराने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. मनरेगा की साइट पर नाबालिग बच्चों को मजदूर बनाकर उनका फोटो अपलोड किया गया है, ऐसे बाल मजदूरों पर श्रम प्रवर्तन अधिकारी व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की नजरें क्यों नहीं पड़ती. जबकि, मनरेगा की साइट पर अपलोड तस्वीर को कोई भी व्यक्ति देख सकता है, फिर जिम्मेदार लोगों को यह क्यों नहीं दिखायी देती है?

मास्टर रोल संख्या 3323

योजना ग्राम बेलाढ़ी से रामाश्रय के घर से महेंद्र के खेत होते महुअत रोड तक बाहा खुदाई कार्य जिसका वर्क कोड संख्या, 0549002007, आइसी/ 20592517 के मास्टर रोल संख्या 3323 में 10 मजदूरों कुंती देवी, अकमी देवी, दीपक राम, गोबिंद राम, अरविंद कुमार, राम प्रसाद राम, प्रेमा देवी, माया देवी, आरती कुमारी, दिनेश पासवान की उपस्थिति दर्ज की गयी है.

# मास्टर रोल संख्या 3324

इसी योजना के मास्टर रोल संख्या 3324 में इंदू देवी, घुरबिगनी देवी, हरेंद्र कुमार सिंह, मोसाफिर राम, धनबरता देवी, राकेश कुमार, मोहित कुमार, पूजा कुमारी, संजू कुमारी व केशवर राम की उपस्थिति दर्ज की गयी है.

# मास्टर रोल संख्या 3325

इसी योजना के मास्टर रोल संख्या 3325 में संतलाल कुमार, पार्वती देवी, बहेतरा देवी, बसंती देवी, धर्मशीला देवी, दूधनाथ राम, उमाशंकर राम, बिगाऊ राम, शनिचरी देवी व सुनीता कुमारी की मजदूर के रूप में कार्य करने के एवज में उपस्थिति दर्ज की गयी है.

# इन छह लोगों को मिली मजदूरी

उक्त योजना में तीन मास्टर रोल जारी किया गया और 16 महिला व 14 पुरुष यानी कुल 30 लोगों की उपस्थिति दर्ज की गयी, लेकिन मजदूरी का भुगतान सिर्फ छह लोगों के बैंक खाते में ही किया गया है. इसमें अरविंद कुमार, राम प्रसाद राम, प्रेमा देवी, माया देवी, आरती कुमारी व दिनेश पासवान का नाम शामिल है. इन सभी को प्रति मजदूर एवरेज 3810 रुपये 90 मनडेज के आधार पर 22860 रुपये का भुगतान किया गया है. इसमें अनुसूचित जाति के मजदूरों को 7620 व अन्य वर्ग के मजदूरों को 15240 रुपये का भुगतान किया गया है. इस तरह मास्टर रोल में 30 लोगों ने बाहा खुदाई का कार्य किया है, लेकिन मजदूरी का भुगतान सिर्फ छह व्यक्तियों को ही 22860 रुपये किया गया है.

# बोले पीओ

इस संबंध में पूछे जाने पर भभुआ मनरेगा पीओ संतोष कुमार ने कहा कि हमको इसकी जानकारी नहीं है कि मनरेगा में बाल मजदूरी कराया जा रहा है. बाल मजदूरी का कोई प्रावधान ही नहीं है, हम मामले की जांच करवाते हैं

# बोले श्रम अधीक्षक

इस संबंध में पूछे जाने पर श्रम अधीक्षक चंदन कुमार ने कहा कि मनरेगा में बालश्रम करवाना बेहद गंभीर मामला है, हमको इसकी जानकारी नहीं है. इस मामले की जांच कराते हुए कार्रवाई की जायेगी.

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